- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। पश्चिम बंगाल बीजेपी में असंतोष और अंदरूनी कलह सतह खुल कर तो नहीं दिख रहा, पर नये-पुराने चेहरों के बीच दुराव बढ़ता साफ-साफ झलक रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं में लगातार असंतोष और अंदरूनी कलह दिख रहा है। दरअसल असंतोष न सिर्फ ऊपरी स्तर पर है, बल्कि नीचे के स्तर पर भी है। इसके पीछे दो अलग-अलग कारण बताये जा रहे हैं।
बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक इस असंतोष के लिए जिम्मेदार तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लोग हैं। निचले स्तर के बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले 10 साल से वे लगातार मेहनत कर संगठन को मजबूत करने में लगे हैं। कल तक बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार करने वाले तृणमूल कांग्रेस के ग्रामीण स्तर के नेता रहे हैं। उन्हें अपने आका विधायकों-सांसदों की शह मिलती रही है।
तृणमूल में रहते जिन नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भाजपा के लोगों को बात-बात पर पीटा, उनके खिलाफ केस दर्ज कराया, यहां तक कि राशन कार्ड, विधवा पेंशन जैसी सरकारी सुविधाओं से भी उन्हें वंचित किया, उनके साथ तालमेल बिठाना मुश्किल है। तृणमूल कांग्रेस के इन्हीं कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में अनाज की चोरी, अंफान तूफान में मिलने वाली राहत की चोरी और गांव-गांव में तोलाबाजी की। यही नेता-कार्यकर्ता हर गांव में ममता बनर्जी के नाम पर सिंडिकेट चलाते रहे, उनके बीजेपी में आने के बावजूद उनसे तालमेल बिठाना मुश्किल है। इन नेताओं को पार्टी में शामिल कराने से लगभग हर जिले में असंतोष दिखाई दे रहा है।
तृणमूल से आकर अब भाजपा के कद्दावर नेता बन चुके शुभेंदु अधिकारी ने शायद इसी असंतोष को भांपते हुए उत्तर बंगाल में अलीपुरद्वार की एक सभा में बीजेपी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि अब तृणमूल से आने वाले सिंडिकेट बाज, तोलाबाज और पंचायत स्तर पर धांधली के आरोपी नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से इस बारे में बात हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं की ओर से मैं आपको इस बात का आश्वासन देता हूं कि अब गलत छवि वाले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को पार्टी में जगह नहीं मिलेगी।
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इधर जिला स्तर पर भी भाजपा के अंदर खलबली मची हुई है। इस खलबली की वजह कुछ और है। तृणमूल कांग्रेस से आए जिला स्तर के नेता भाजपा के ब्लॉक और जिला स्तर में पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर ऊपर के पदों बैठाये जा रहे हैं। जिला स्तर पर पद छिन जाने व विधानसभा में टिकट न मिलने की आशंका को लेकर बीजेपी के ऐसे नेताओं में उबाल है। इस विषय पर भाजपा के एक केंद्रीय नेता का कहना है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को इस बात से डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बाहर से आए किसी को भी बिना जांच-पड़ताल के पद या टिकट कुछ भी नहीं मिलेगा। हालांकि इस बात को लेकर बांकुड़ा, पुरुलिया, यहां तक कि कोलकाता के भाजपा कार्यालय में भी रोज कोई न कोई विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
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