पटना। बंगाल और असम विधानसभा चुनाव में जनेऊधारी राहुल गांधी किसी मंदिर में दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। यह चुटकी ली पूर्व विधायक राजीव रंजन ने। उन्होंने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा- लोकसभा और यूपी चुनाव में मंदिर-मंदिर दौड़ (टेंपल रन) लगाने वाले जनेऊधारी राहुल गांधी बंगाल और असम के चुनावों में किसी मंदिर में दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। कांग्रेस को बताना चाहिए कि आखिर इन चुनावों में राहुल जी को हिन्दू देवी-देवता याद आने क्यों बंद हो गये हैं? क्या लोकसभा और यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद उनका विश्वास हिंदुत्व पर से समाप्त हो गया है?
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व में राहुल गांधी की कितनी श्रद्धा है, यह देश की जनता भलीभांति जानती है। अब भी बंगाल में उनकी पार्टी ने आइएसएफ से गठबंधन किया है, जो हिन्दुओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए जाना जाता है। इसी के नेता ने कोरोना काल में 10 से 50 करोड़ भारतीयों के मर जाने की दुआ मांगी थी।
इसी तरह असम में इन्होंने एक और चरमपंथी बदरुद्दीन अजमल से गठबंधन किया हुआ है। केरल में भारत विभाजन की जिम्मेदार मुस्लिम लीग का बचा हुआ धड़ा इनके साथ है। कांग्रेस को बताना चाहिए कि आखिर राहुल कैसे शिवभक्त हैं, जो शिवभक्तों के खिलाफ राजनीति करने वालों के साथ चुनाव लड़ने के लिए बेचैन हैं?”
पूर्व विधायक सह बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस की पूरी की पूरी राजनीति तुष्टीकरण पर टिकी हुई है। जहां हिन्दुओं के वोट निर्णायक होते हैं, वहां यह जनेऊधारी बन के टेंपल रन करते हैं और जहां दूसरे समुदायों के वोट अधिक होते हैं, वहां इनका जनेऊ उतर जाता है। याद करें तो इनके राज में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो देश के सभी संसाधनों पर एक समुदाय विशेष का पहला हक बता चुके हैं। हकीकत में अब यह किसी से छिपा नहीं है कि राहुल की पूरी की पूरी राजनीति झूठ के इर्द गिर्द सिमट कर रह गयी है। इन्हें लगता है कि हिन्दुस्तान की जनता इनके झूठ को सच मान इनके बहकावे में आ जाएगी। कांग्रेस यह जान ले कि अपने कर्मों से वह पहले ही क्षेत्रीय पार्टियों के स्तर पर पहुंच चुकी है और अब रही सही कसर राहुल के छद्म और झूठ पूरी कर देंगे।