कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में आज सेंध लग गयी। आंदोलनकारी गैर सरकारी शिक्षकों का हुजूम उनके आवास पर पहंच गया। आंदोलनकारी शिक्षक वेतन-भत्ते और स्थायीकरण की मांग को लेकर तकरीबन दो महीने से धरने पर बैठे हैं। आज उनका सब्र टूटा और सुरक्षा घेरे को झांसा देकर आंदोलनकारी ममता के आवास पर पहुंच गये।
सरस्वती पूजा के दिन सुबह जब बंगाल में शिक्षक और छात्र पूजा-आराधना में मगन थे, ठीक उसी समय शिक्षामित्र व अस्थायी आंदोलनरत शिक्षक अपने वेतन और भत्ते में वृद्धि की मांग को लेकर आदि गंगा पार कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के पीछे पहुंच गए। अपनी विभिन्न मांगों के संदर्भ में बनाए गए पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे अपने वेतन और विभिन्न भत्तों में वृद्धि की मांग को लेकर पिछले काफी दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
आंदोलनरत शिक्षकों का कहना था कि वे कई दिनों से मुख्यमंत्री से मिलना चाह रहे थे, ताकि अपनी मांग सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के पास पेश कर सकें। लेकिन उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। आज आजिज होकर उन्हें यह रास्ता अपनाना पड़ा। इधर मुख्यमंत्री के घर के सामने पुलिस का पहरा रहने के बावजूद आंदोलनकारी किस तरह मुख्यमंत्री के घर के सामने तक पहुंच गए, इस पर सवाल खड़ा हो रहा है। 2011 में सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी ने घोषमा की थी कि राज्य के 10 हजार गैर सरकारी मदरसों को सरकारी मान्यता दी जाएगी। लेकिन उनमें से कुछ को ही सरकारी मान्यता मिल पायी।
डीवाईएफआई और एसएफआई के 250 लोगों पर एफआईआर
सोमवार डीवाईएफआई नेता मोईदुल इस्लाम की मृत्यु के बाद कोलकाता के मौलाली में डीवाईएफआई व एसएफआई की ओर से किये गये चक्का जाम के दौरान संगठन के उत्तेजित कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमला कर दिया था। आज कोलकाता पुलिस की ओर से दोनों संगठनों के 250 कार्यकर्ताओं पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ और सरकारी कर्मचारी पर हाथ उठाने के आरोप लगा कर एफआईआर दर्ज की गयी। एफआईआर मैं एसएफआई के राज्य अध्यक्ष सूजन भट्टाचार्य का भी नाम शामिल है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत मिले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से
RSS प्रमुख मोहन भागवत अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से मिलने उनके घर पहुंचे। इसके बाद से सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। दोनों के बीच क्या बातें हुईं, इसकी जानकारी तो नहीं मिली है, लेकिन समझा जा रहा है कि मिथुन चक्रवर्ती को भाजपा अपने पाले में कर सकती है। मोहन भागवत जैसे व्यक्ति का मिथुन से मिलना सामान्य बात नहीं हो सकती। मिथुन भाजपा में आयें या न आयें, लेकिन जनता के बीच यह संदेश देने में भाजपा कामयाब हो गयी है कि उनकी सहानुभूति भाजपा के साथ है। इधर टीएमसी नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर का कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि तोंदू जंवाई बंगाल में सिर्फ पेट भर भोजन करने आते हैं। दरअसल नड्डा बंगाल को अपनी ससुराल बताते रहे हैं।
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