- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। बंगाल विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में आपराधिक मामलों के आरोपी 48 (25 प्रतिशत) उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इनमें सीपीआईएन आगे है। इनमें गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़े कुल 42 (22 प्रतिशत) उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं। पहले चरण की कुल 30 सीटों पर 191 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सबसे ज्यादा आपराधिक मामलों से जुड़े उम्मीदवार सीपीआईएम के हैं। इसके कुल 18 में से 10 यानी 56 प्रतिशत उम्मीदवार दागदार छवि के हैं।
भाजपा के कुल 29 उम्मीदवार हैं, जिनमें 12 उम्मीदवारों यानी 41 प्रतिशत पर अपराध के मामले दर्ज हैं। टीएमसी के 29 उम्मीदवारों में से 10 अर्थात 35% गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित हैं। दागदार छवि के सर्वाधिक उम्मीदवार सीपीआईएम के हैं। सीपीआईएम के 18 में से 9, भाजपा के 29 में से 11 और टीएमसी के 29 में से 8 उम्मीदवार दागी हैं।
महिलाओं पर अत्याचार के आरोप की स्वतः घोषित उम्मीदवारों की संख्या 12 है, जिनमें से एक उम्मीदवार बलात्कार का आरोपी है। इसके अलावा सीधा-सीधा हत्या के मामले से जुड़े हुए उम्मीदवारों की संख्या 8 और इससे संबंधित मामलों में संलिप्त उम्मीदवारों की संख्या 19 है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR )की ओर से प्रकाशित ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 30 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जो संवेदनशील हैं। इनमें तीन या तीन से ज्यादा उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर अपराधिक मामले दर्ज हैं।
अब चलते हैं करोड़पति उम्मीदवारों की खोज में। 191 उम्मीदवारों में लाख की संपत्ति वाले 7 उम्मीदवार हैं। 4% ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी संपत्ति 2 करोड से अधिक है। 50 लाख से दो करोड़ तक संपत्ति के मालिक ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 40 है। अर्थात 21% और 1000000 से 5000000 संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 69 है। करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा टीएमसी में है। 29 में से 9 अर्थात 31% और भाजपा में 29 में से 4 अर्थात 14% और सीपीएम के 18 में से 2 अर्थात 11% उम्मीदवार करोड़पति हैं|
पहले चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा चल और अचल संपत्ति के मालिक भाजपा के आसपुर के उम्मीदवार अंबुजा महंत हैं, जिनकी संपत्ति 10 करोड़ 70 लाख है। उम्मीदवारों की आयकर विवरण के अनुसार सबसे ज्यादा वार्षिक आय तीन मूल के तीन उम्मीदवार की है। इसमें सबसे आगे हैं तृणमूल के उम्मीदवार। अर्थ हिंदू माइती, जिनकी सालाना आय एक करोड़ 14 लाख रुपये है। 191 उम्मीदवारों में से 13 उम्मीदवार ऐसे है, जिनके कोई पैन कार्ड का हिसाब नहीं है।