
- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव में वाक् युद्ध चरम पर है। हम तेरे घर में झंडा लहरायेंगे तो हम तेरे घर में घुस कर तुझे हरायेंगे। यानी बंगाल में महाभारत जारी है। ममता बनर्जी ने टीएमसी छोड़ बीजेपी में जाने वाले षुभेंदु अधिकारी के गढ़ मेदिनीपुर में कल अपनी ताकत दिखायी और ललकारते हुए कहा कि हम मेदिनीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे और जीत कर दिखा देंगे। ममता बनर्जी की सभा में जुटी भीड़ की भाषा समझें तो वह पहले से कहीं कमतर नजर नहीं आयीं। इधर शुभेंदु अधिकारी बीजेपी के प्रदेश के अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ ममता के इलाके में सभी कर गरज रहे थे थे कि ममता को उनके घर में हरायेंगे। हालांकि उनकी सभा में ईंट-पत्र की बरसात भी हुई। कौन जीतेगा और कौन हारेगा, यह तो वक्त पर पता चलेगा, लेकिन दोनों ओर से फिलहाल वाक युद्ध चरम पर है।
वाम-कांग्रेस गठबंधन सीटों पर अभी तक तालमेल नहीं
बंगाल विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के लिए वाम मोर्चा व कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे को लेकर कई दौर की बैठक की। कांग्रेस ने 110 सीटों पर दावेदारी की है। शनिवार को भी दोनों की बैठक हुई थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में अब्दुल मन्नान, प्रदीप भट्टाचार्य, अबु हाशिम खान चौधरी समेत कई नेता उपस्थित थे। इसके पहले शुक्रवार को वाम फ्रेंट के नेता विमान बसु व सूर्यकांत मिश्र के साथ अधीर रंजन चौधरी की प्राथमिक बातचीत हुई। लेकिन अभी तक बन नहीं पायी है।
कांग्रेस के एक गुट का मानना है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस की परफार्मेंस को देखते हुए सीट बंटवारे पर बात होनी चाहिए। इधर कांग्रेस के दूसरे गुट का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 44 सीटों पर उसने जीत दर्ज की थी। वाम मोर्चा 202 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल 32 सीटों पर उसे जीत मिली थी। इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस का दूसरा गुट 130 सीटों की मांग कर रहा है। इधर वाम मोर्चा की ओर से भी 200 से ज्यादा सीटों पर दावा किया जा रहा है। इसके लिए वाम दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों को आधार बनाया है।
वाम दलों और कांग्रेस की बैठक को देखते हुए फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी का कहना है कि कांग्रेस व वाम मोर्चा के नेताओं से तीसरे फ्रंट के गठन पर अलग-अलग चर्चा हुई है। वे दोनों गठबंधन के लिए तैयार हैं। उनका यह भी कहना है कि गठबंधन को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से भी बातचीत जारी है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके कार्यकर्ताओं पर बिभिन्न स्थानों पर हमले कर रहे हैं। इससे गठबंधन पर असर पड़ेगा। अब्बास के इस बयान पर कांग्रेस व वाम दलों की ओर से किसी तरह की टिप्पणी अभी तक नहीं आयी है।
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