समस्तीपुर। एससी-एसटी के विरोध में गुरुवार को स्वर्णो द्वारा भारत बंद के दौरान इंसानित को कुचलते हुए बंद समर्थकों द्वारा मरीज की गाड़ी तो दूर, रिक्शा को भी नहीं जाने दिया गया। एक बीमार बेटी के पिता बाध्य होकर रोते-बिलखते बेटी को पीठ पर लाद कर अस्पताल ले गये। बंद समर्थकों के घर कोई बीमार होता तो बंद समर्थक क्या करते, यह सवाल कौंध रहा है। आमतौर पर बंद के दौरान मरीज की गाड़ी और दूध के वाहन को नहीं रोका जाता है, पर समस्तीपुर में ऐसा हुआ।
उधर जदयू छात्र जिला सम्मेलन में भाग लेने जा रहे दर्जनों छात्रों की गाड़ी को रोक कर बंद समर्थकों द्वारा मारा-पीटा गया। टायर जलाकर केन्द्र सरकार के फैसले का विरोध किया गया। बंद के दौरान नगर थाना, मुफ्फसिल थाना और डीएम निवास के सामने ओवर ब्रिज को घंटों जाम कर यातायात अवरुद्ध कर मरीज के एम्बुलेंस को भी नहीं जाने दिया गया। इतना ही नहीं, नगर भवन में छात्र जदयू के जिला सम्मेलन में भाग लेने बाइक से जा रहे छात्रों की बाइक को उलट-पलट कर उन्हें बेहरमी से पीटा गया और जदयू का झंडा भी आग के हवाले कर दिया गया।
घटना को शांत कराने पुलिस पहुंची तो उससे भी नोकझोंक बंद समर्थको ने की। स्कूल से छुट्टी के बाद लौट रहे बच्चों की गाड़ियां घंटों फंसी रहीं। बंद के दौरान सवर्णो ने टायर जलाकर नारेबाजी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने के साथ झूठे मुकदमे में फंसाये जाने के खिलाफ नारे लगाये जा रहे थे। जाम को देखते और जदयू के सम्मेलन में जा रहे छात्रों की पिटाई की सूचना पर डीएसपी प्रीतीश कुमार खुद पुलिस बल के साथ घंटों कैम्प करते देखे गये। बंद समर्थकों ने पुलिस की अनदेखी कर इमरजेंसी सेवा की एम्बुलेंस को भी दरभंगा-पटना न जाने देने से मरीज की हालत काफी बिगड़ गयी। बंद के कारण कोर्ट सहित अन्य कार्यालयों का काम बाधित रहा।
कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में जटमलपुर, वासुदेवपुर, चकमेहसी सहित कई जगहों पर सड़क जाम कर दिया गया। समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य पथ के मिर्जापुर चौक के समीप लोगों ने आरक्षण के विरोध में आगजनी कर करीब 6 घंटे तक सड़क जाम कर दिया। सड़क जाम कर लोगों ने आगजनी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाय-हाय के नारे लगाये।
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