समस्तीपुर। ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार का मामला सामने आया और अब समस्तीपुर स्थित उसके वृद्धाश्रम की भी जांच चल रही है। इस बीच पीआईबी से मिली पत्रकार की उसकी मान्यता खत्म कर दी गयी है। वह गिरफ्तारी के बाद जमानत की कोशिश में अब लगा है। उसके अखबारों को विज्ञापन सूची से बिहार सरकार ने बाहर कर दिया है। मंगलवार को ब्रजेश ठाकुर के समस्तीपुर स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी।
ब्रजेश का एक वृद्धाश्रम समस्तीपुर के आजाद चौक के पास बने मकान में चलता है। मामले की जांच के लिए डीडीसी और एसडीओ पहुंचे। ब्रजेश के आजाद चौक के पास स्थित मनोरमा लेन में अधिकारियों ने जांच-पड़ताल शुरू की। मनोरमा लेन में ही ब्रजेश ठाकुर वृद्धाश्रम चलाता है। मनोरमा लेन बिल्डिंग ब्रजेश की मां के नाम से है।
सीबीआई ने भी अपनी जांच की गति तेज कर दी है। उसके बालिका गृह की जांच-पड़ताल के बाद अब वह ब्रजेश की करीबी मानी जाने वाली मधु की तलाश कर रही है। बताया जाता है कि सीबीआई मधु के परिजनों से उसके बारे में पूछताछ कर सकती है। सीबीआई टीम खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर से भी पूछताछ करने जा सकती है। बिहार सरकार ने 26 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।
सीबीआई की टीम केस के आईओ सहित तीनों अधिकारियों के साथ केस से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पटना हाईकोर्ट ने बलिका गृह में लड़कियों के साथ हुए रेप के मामले में सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए केस में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। जांच हाईकोर्ट की निगरानी में ही कराने की बात सरकार ने भी कबूल कर ली है।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रेप मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस (टिस) ने सोशल आडिट रिपोर्ट सौंपी। उसके राज्य बाद ने सरकार हरकत में आई और पहले पुलिस की जांच शुरू हुई और अब सीबीआई इसकी जांच कर रही है।
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