बाढ़ पर राजनीति के बजाय, जनता की मदद करे विपक्ष: BJP

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बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजीव रंजन
बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजीव रंजन

पटना। बाढ़ पर राजनीति के बजाय, जनता की मदद करे विपक्ष। विपक्ष पर खुल कर हमला बोला है BJP के बिहार प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन का। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि दुनिया के किसी देश या राज्य में किसी तरह की आपदा आने पर जहां सभी राजनीतिक दल आपसी भेदभाव भूल कर, पूरी एकजुटता के साथ उसका मुकाबला करते हैं, वहीँ बिहार की विपक्षी पार्टियां इसके ठीक उलट, आपदा को अपनी राजनीति चमकाने का जरिया मान लेती हैं।

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उन्हेंने कहा कि याद करें तो दो साल पहले आयी भीषण बाढ़ में भी इनका यही रवैया था। उस समय जहां एनडीए के नेता राहत सामग्री का इंतजाम, वितरण तथा अन्य जमीनी कार्यों में जनता के साथ दिन-रात एक किए हुए थे, वहीँ अपने शासकीय समय में राहत कार्यों में भी घोटाले करने वाले हमारे विपक्षी नेता अपने फाइव स्टार कमरों में बैठ खोखली बयानबाजी कर रहे थे। यहाँ तक कि इनके युवराजों को पानी उतरने के बाद क्षेत्र में जाने की याद आयी थी।

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इस बार भी ये तमाम विपक्षी दल उसी ढर्रे पर आगे बढ़ रहे हैं। इस बार भी इनके नेताओं के दर्शन क्षेत्र में जनता के बीच नहीं, बल्कि सिर्फ कैमरे और अखबारों में हो रहे हैं। राहत कार्यों में सहयोग करने के बजाय इनके बयान बहादुर नेता इंतजामों में मीन मेख निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हें हमारी सलाह है कि राहत कार्यों में सरकार का सहयोग करें, नहीं तो जनता उन्हें फिर एक बार जरुर सबक सिखाएगी।

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श्री रंजन ने आगे कहा कि बिहार वासियों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए राज्य सरकार पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। याद करें तो सामान्यत: बिहार में अगस्त महीने में ही नदियाँ विकराल रूप धारण करती हैं, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने दो महीने पहले से ही इससे बचाव के इंतजामों पर काम करना शुरू कर दिया है। यह सरकार की तत्परता का ही परिणाम है कि इतने कम समय में ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक 199 राहत केंद्र खोले जा चुके हैं, जिनमें 1 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। इनके भरण-पोषण के लिए 676 सामुदायिक रसोई घरों को खोलने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 796 मानव तथा 125 मोटरबोट तथा एसडीआरएफ़ और एनडीआरएफ की 26 टुकड़ियां तैनात की जा चुकी हैं। आवश्यक दवाओं का वितरण तथा पशुओं के लिए चारे का इंतजाम भी किया जा रहा है।

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