बिहार का हर विधायक कोरोना उन्मूलन फंड में 50 लाख देगा

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बिहार का हर विधायक कोरोना से निपटने के लिए 50 लाख देगा। सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक
बिहार का हर विधायक कोरोना से निपटने के लिए 50 लाख देगा। सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक

पटना। बिहार के विधायक न्यूनतम 50 लाख रुपये कोरोना उन्मूलन कोष में अंशदान करेंगे। सीएम नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक में यह निर्णय हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधायकों एवं विधान पार्षदों को अपने क्षेत्र में एक वर्ष में तीन करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अनुशंसा करने का अधिकार है, जो कि योजना एवं विकास विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

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उन्होंने कहा कि सभी विधायक एवं विधान पार्षद अपने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से न्यूनतम 50 लाख रुपये की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सहयोग के रूप में स्वास्थ्य विभाग के कोरोना उन्मूलन कोष में अंशदान करेंगे। अपनी इच्छा के अनुसार इससे अधिक राशि के अंशदान की भी अनुशंसा कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार की तरफ से नोडल विभाग बनाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग अलग से कोरोना स्पेशिफिक अकाउंट खुलवाये, जिसमें जल्द से जल्द राशि का हस्तांतरण हो सके। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जरूरी इक्यूपमेंट, दवा, मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट आदि की व्यवस्था इस राशि से करेगा। स्वास्थ्य विभाग जहां जो आवश्यकता महसूस करे, उसके अनुसार व्यय करे। इसके लिये वित्तीय नियामावली में संशोधन कर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव/ सचिव को पूर्व में ही अधिकृत किया जा चुका है।

जितनी जरूरत हो, वेंटीलेटर खरीदें, कोताही न करें

उन्होंने कहा कि लाकडाउन होने के पूर्व ही 13 मार्च को राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सौ वेंटीलेटर खरीदने की इजाजत दी थी, अगर इससे ज्यादा वेंटीलेटर मिल पाता है तो स्वास्थ्य विभाग और वेंटीलेटर की खरीद करे। जैसा कि मुझे जानकारी मिली है, जीविका समूह के माध्यम से मास्क का निर्माण किया जा रहा है। हाजीपुर और आरा में सेनिटाइजर बनाये जा रहे हैं। आज शाम तक दस हजार टेस्टिंग किट उपलब्ध हो जायेंगे। इससे जांच में सुविधा मिलेगी।

बैठक के दौरान वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। लाकडाउन के कारण जो लोग बिहार के बाहर फंसे हुए हैं, उनको दी जाने वाली राहतों के संबंध में भी चर्चा की गयी। मुख्यमंत्री को सभी जिलों में बनने वाले आपदा राहत केंद्रों के संबंध में जानकारी दी गयी। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सभी जिलों में आपदा राहत केंद्र फंक्शनल हो गया है। जल्द ही सभी अनुमंडल में भी आपदा राहत केंद्र फंक्शनल हो जाएगा। प्रत्यय अमृत ने अपने प्रजेंटेशन में 14 मार्च से राज्य में विदेश एवं देश के अन्य हिस्सों से बिहार आने वाले नागरिकों की एक सूची के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बिहार से बाहर फंसे लोगों की हरसंभव मदद करें 

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर लाकडाउन के कारण जो लोग फंसे हुए हैं, उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जाए। टेलीफोन के माध्यम से जो लोग भी अपनी तकलीफ की सूचना देते हैं, उन्हें हरसंभव सुविधा मिले। वर्ष 2007 में जिस तरह आपदा राहत केंद्र बनाये गये थे, उसी के तर्ज पर बेहतर ढंग से आपदा राहत केंद्र कार्य करे। वहां पर डॉक्टर एवं पुलिस की हर समय उपलब्धता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत केंद्र में सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दिया जाये। सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर उपाय है। भोजन के दौरान भी आपस में दूरी बनी रहे। आपदा राहत केंद्र में भोजन, पानी, साफ-सफाई एवं शौचालय की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य जरूरत की चीजें भी उपलब्ध रहे।

मुख्यमंत्री राहत कोष में दान का सिलसिला जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति से उबरने के लिए सरकार अपनी तरफ से हरसंभव उपाय कर रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी कल ही सौ करोड़ रूपये दिए गए हैं। कई मंत्रियों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं अन्य लोगों ने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान दिए हैं।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 लाख 25 हजार रुपये का अंशदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। साथ ही ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने 1 लाख 25 हजार, उद्योग मंत्री श्याम रजक ने 4 लाख 3 हजार रुपये, सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री नीरज कुमार ने 1 लाख 25 हजार रुपये, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने 1 लाख 51 हजार रुपये, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने 1 लाख 25 हजार रुपये, खाद्य, उपभोक्ता एवं संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने 1 लाख 50 हजार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चैधरी ने 1 लाख 25 हजार, विधायक रामानंद प्रसाद सिंह ने 1 लाख 25 हजार, विधायक हरिनारायण सिंह ने 1 लाख 25 हजार, विधायक रत्नेश सदा ने 1 लाख 25 हजार, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी ने 1 लाख 25 हजार, विधान पार्षद ललन सर्राफ ने 1 लाख 25 हजार, विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह ने 1 लाख 25 हजार, विधान पार्षद गुलाम रसूल ने 1 लाख 25 हजार रुपये का चेक कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है।

इसके अलावा बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने 10 करोड़ रुपये, बिहार स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट ने 5 करोड़ रुपये एवं बिहार स्टेट कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड ने एक करोड़ रूपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में सौंपा है।

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