पटना। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में यू॰जी॰-पी॰जी॰ तथा अन्य सभी पाठ्यक्रमों में अब आनलाइन एडमिशन होगा। इसकी प्रक्रिया इस शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ कर दी जाएगी। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति लाल जी टंडन के निदेशानुरूप बुधवार को राजभवन सभाकक्ष में राज्य के विश्वविद्यालयों में ‘यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इनफारमेशन सिस्टम’ के कार्यान्वयन की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि इस बार के शैक्षणिक सत्र से ही सभी विश्वविद्यालयों में यू॰जी॰-पी॰जी॰ तथा अन्य सभी पाठ्यक्रमों में आनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया हर हालत में प्रारंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदन से लेकर नामांकन तक सभी प्रक्रियाएँ आनलाइन पूरी करने के अलावा ‘स्टूडेट्स एवं टीचर्स लाइफ-साइकिल’ से जुड़े सभी कार्य पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड हों, इसके लिए पूरे पैकेज को एक साथ लागू किया जाना जरूरी है।
प्रधान सचिव ने कहा कि तत्काल हर हालत में सभी विश्वविद्यालयों को यू॰जी॰ में नामांकन की प्रक्रिया पूरी करनी है; जिसके लिए चयनित कार्यकारी एजेंसी एवं विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारियों को समन्वयपूर्वक कार्य करना होगा। प्रधान सचिव ने कहा कि राज्यपाल के निदेश के अनुपालन में थोड़ी भी शिथिलता को गंभीरता से लिया जाएगा तथा जिम्मेवार अधिकारियों को चिह्नित कर दंडित किया जायेगा।
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आज की बैठक में समीक्षा के दौरान यह बात स्पष्ट हुई कि पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया, वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, बी॰आर॰ए॰ बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य सभी विश्वविद्यालयों में ‘यू॰एम॰आई॰एस॰’ के कार्यान्वयन की तैयारियाँ संतोषजनक हैं। पूर्णिया विश्वविद्यालय के यू॰एम॰आई॰ के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि निविदा प्रक्रिया पूरी कर अभी तक कार्यादेश निर्गत नहीं किया जा सका है तथा वहाँ अर्थ की भी समस्या आड़े आ रही है। इस संदर्भ में नोडल पदाधिकारी को राजभवन द्वारा पूर्व में दिए गए मार्गदर्शनों का स्मरण कराते हुए कहा गया है कि इसी शैक्षणिक सत्र से हर हालत में कुलाधिपति के आदेशालोक में यू॰एम॰आई॰एस॰ व्यवस्था लागू होनी है।
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नोडल पदाधिकारी से पूछा गया कि अन्य विश्वविद्यालय भी राज्य सरकार द्वारा प्राप्त प्रारंभिक राशि 10 लाख रूपये की राशि से ही जब कार्यारंभ करा चुके हैं, तब पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए क्यों कठिनाई है? उन्हें स्पष्ट हिदायत दी गई कि कार्यकारी एजेन्सी नियमानुरूप चुनते हुए अविलम्ब कार्यादेश निर्गत होना चाहिए तथा यू॰एम॰आई॰एस॰ के कार्यान्वयन का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होना चाहिए।
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वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के प्रतिनिधि ने बताया कि कुछ प्रक्रियागत कठिनाइयों के कारण उन्हें दोबारा निविदा निकालनी पड़ी है। वी॰के॰एस॰यू॰ आरा के नोडल पदाधिकारी को शीघ्र निविदा निष्पादित कराते हुए कार्यारंभ कराने का निदेश दिया गया, ताकि यू॰जी॰ एडमिशन में अनावश्यक विलम्ब न हो। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि पदाधिकारी ने बताया कि एन॰आई॰सी॰ के जरिये उनके यहाँ यू॰एम॰आई॰एस॰ का कार्यान्वयन किया जायेगा। बैठक में समीक्षा के दौरान बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में भी यू॰एम॰आई॰एस॰ संबंधी कार्यादेश नहीं निकल पाने पर असंतोष व्यक्त किया गया।
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समीक्षा के दौरान टी॰एम॰बी॰यू॰, भागलपुर एवं बी॰एन॰एम॰यू॰, मधेपुरा विश्वविद्यालय में हो रहे कार्य पर संतोष व्यक्त किया गया। अन्य विश्वविद्यालयों को भी शीघ्र कार्यादेश निर्गत कर इस व्यवस्था का पूर्णतः कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल के प्रधान सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों को राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को लिंक प्रदान करते हुए ‘यूजर-आई॰डी॰’ और ‘यूजर-पासवर्ड’ शीघ्र उपलब्ध कराने का निदेश दिया, ताकि व्यवस्था की सतत मोनिटरिंग की जा सके।
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