पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि बिहार के 4 लाख से अधिक करदाताओं को GST के कारण बड़ी राहत मिली है। उन्होंने जीएसटी कौंसिल की गोवा में हुई 37 वीं बैठक में बताया कि 2 करोड़ से कम वार्षिक टर्नओवर वाले करदाताओं को वार्षिक विवरणी दाखिल करने से दो वर्षों (2017-18 और 18-19) के लिए छूट दिए जाने के निर्णय से बिहार के इस दायरे में आने वाले 4 लाख 17 हजार कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है।
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बिहार की पहल पर जीएसटी के अन्तर्गत बिहार के 82 प्रतिशत करदाता विगत दो वर्षों के वार्षिक विवरणी दाखिल करने से मुक्त हो जायेंगे। इसके साथ ही 2 करोड़ से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले करदाताओं के वार्षिक विवरणी फार्म के सरलीकरण के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है।
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फार्म सरल होने के बाद वार्षिक विवरणी दाखिल करने में करदाताओं के सहूलियत होगी। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने (01 जुलाई, 2017) के प्रारंभिक दिनों में वार्षिक विवरणी दाखिल करने को लेकर छोटे करदाताओं को काफी परेशानी हुई थी, जिसे अब काफी हद तक दूर कर दिया गया है।
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बिहार की ओर से श्री मोदी ने बैठक में उपस्थित 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन के सिंह से जीएसटी लागू होने के बाद के 5 साल तक राजस्व वृद्धि 14 प्रतिशत से कम होने पर केन्द्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति के प्रावधान को 2022 की जगह 3 साल और बढ़ा कर 2025 तक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी बिहार का राजस्व वृद्धि गैप 20 प्रतिशत है, ऐसे में बिहार को राजस्व की कमी की क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए।
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