पटना। बिहार में उच्च शिक्षा पर आधारित पुस्तक की पहली प्रति गवर्नर लाल जी टंडन को भेंट की गयी। इस अवसर पर राजभवन में एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्यपाल लाल जी टंडन को ‘‘नये भारत के निर्माण हेतु बिहार में उच्च शिक्षा के विकास-प्रयास’’ शीर्षक पुस्तक की प्रथम प्रति राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह द्वारा सादर समर्पित की गई। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग आरके महाजन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रधान सचिव एवं पुस्तक के प्रधान संपादक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि पुस्तक में विगत तीन सौ दिनों के उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों और प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों के केन्द्र में प्रमुखतः छात्र-हित को रखते हुए छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने, उनका सर्वांगीण विकास और कौशल-उन्नयन करने तथा उनके कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएँ कार्यान्वित करने को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आते देख राज्य में लोगों का विश्वास तो बढ़ा ही है, पूरे देश के लोग भी इस बदलाव को आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों में माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित सभी संबंधित सरकारी विभागों का भरपूर सहयोग मिला है तथा राजभवन, राज्य सरकार, विश्वविद्यालय-प्रशासन, शिक्षक-छात्र एवं अन्य सभी संबंधित लोगों ने समन्वयपूर्वक विकास-प्रयासों को मूत्र्त रूप प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभायी है।
कार्यक्रम में राजभवन के अधिकारियों ओ॰एस॰डी॰ (न्यायिक) फूलचंद चैधरी, ला आफिसर आर॰वी॰एस॰ परमार, एन॰आई॰सी॰ पदाधिकारी विजय कुमार सहित संपादन-समिति के सदस्यगण-अपर सचिव विजय कुमार, राज्य हिन्दी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण, प्रो॰ कलानाथ मिश्र, विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार, राज्यपाल के जनसंपर्क पदाधिकारी डा॰ सुनील कुमार पाठक, राज्यपाल के आप्त सचिव संजय चैधरी, राज्यपाल के निजी सहायक विनय जोशी एवं डा॰ ध्रुव कुमार आदि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अपर सचिव विजय कुमार ने किया, जबकि इसका संचालन जन-सम्पर्क अधिकारी डा॰ एस॰के॰ पाठक ने किया।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि कुलपतियों की अबतक चार महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित करते हुए उन्हें ‘उच्च शिक्षा के विकास की रूपरेखा’ पर तेजी से अमल करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालयों में सत्र समय पर चलने लगे हैं तथा कुछेक विश्वविद्यालयों में लंबित परीक्षाएँ शीघ्र सम्पन्न करा ली जायेंगी। श्री टंडन ने कहा कि एकेडमिक और परीक्षा-कैलेण्डर का अनुपालन करते हुए समय पर नामांकन, वर्ग-संचालन, परीक्षा-आयोजन एवं परीक्षाफल प्रकाशन सुनिश्चित करते हुए ‘दीक्षांत समारोहों के माध्यम से डिग्री-वितरण कराने के लिए सभी कुलपतियों को कहा गया था। राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष पहली बार ( सिर्फ मगध विश्वविद्यालय को छोड़कर ) सभी विश्वविद्यालयों में ‘दीक्षांत समारोह’ आयोजित किए गये हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों के सुदृढ़ीकरण तथा ‘यू॰एम॰आई॰एस॰’ के कार्यान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को आवश्यक निधि उपलब्ध करायी गई है।
श्री टंडन ने कहा कि आधारभूत संरचनाओं के विकास तथा शिक्षकों/कर्मचारियों को नियमित वेतन व सेवांत-लाभों के भुगतान हेतु पर्याप्त आबंटन विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में तीन हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है तथा शेष रिक्तियों के विरूद्ध भी नियुक्ति हेतु ‘बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग’ द्वारा शीघ्र आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ होगी। राज्यपाल ने बताया कि तत्काल ‘गेस्ट फेकेल्टी’ नियुक्त करने के लिए सभी कुलपतियों को कहा गया है ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में गुणवत्ता में कमी नहीं आये।
राज्यपाल ने कहा कि ‘उच्च शिक्षा के विकास’ का ‘ब्लूप्रिन्ट’ तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बन चुकी है। उन्होंने कहा कि ‘उच्च शिक्षा के डिजिटीकरण’, ‘गुणवत्तापूर्ण शोध हेतु संवेदीकरण’ तथा ‘नैक प्रत्ययन’ जैसे विषयों पर चार कार्यशालाएँ आयोजित करते हुए देश के प्रख्यात शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों के विचार प्राप्त किए गए हैं। ‘यू॰जी॰सी॰’, ‘नैक’, ‘भारतीय सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान’ सहित विभिन्न केन्द्रीय एजेन्सियों आदि से जुड़े वरीय अधिकारियों/शिक्षाविदों ने बिहार आकर उच्च शिक्षा के विकास-कार्य में अपना सहयोग दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों कई सम्बद्धताविहीन कालेजों ने अनधिकृत रूप से नामांकन करते हुए कई विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया था। ऐसे लाखों छात्रों का अंगीभूत एवं सम्बद्धताप्राप्त महाविद्यालयों में पुर्ननामांकन कराते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित किया गया है। राज्यपाल ने मगध विश्वविद्यालय के अधीन स्नातक वर्ग के ‘पर्चा लीक मामले’ में कुलपति द्वारा कठोर कार्रवाई करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा-मंदिरों में अराजकता की कोई जगह नहीं होती। श्री टंडन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उच्च शिक्षा के विकास-प्रयासों में सहयोग करनेवाले प्रशंसित-सम्मानित होंगे तथा अपने दायित्वों से विमुख अधिकारी, चाहे वे कितने भी ऊँचे पदों पर क्यों न हों, बख्शे नहीं जाएँगे। श्री टंडन ने इसी क्रम में तीन कुलपतियों तथा कुछ अन्य अधिकारियों की पद-विमुक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि समय और अपेक्षाओं के साथ नहीं चलनेवालों को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सभी 260 अंगीभूत महाविद्यालयों को ‘नैक प्रत्ययन’ प्राप्त करने के लिए कहा गया है। जिन्हें पहले से नैक प्रत्ययन हासिल है, उन्हें ग्रेडिंग सुधारने की हिदायत दी गई है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों परिसरों का सौन्दर्यीकरण, ‘स्वच्छता अभियान’ चलाते हुए करने को कहा गया है। ‘क्लीन कैम्पस-ग्रीन कैम्पस’ के लिए ‘हर परिसर-हरा परिसर’ कार्यक्रम के तहत इस बरसात में काफी संख्या में वृक्षारोपण हेतु विश्वविद्यालयों को प्रेरित किया गया है। विश्वविद्यालयों में आधुनिक तकनीक पर आधारित ‘स्मार्ट क्लासेज’ चलाने तथा काॅलेजों/यूनिवर्सिटीज में ‘एकलव्य’ (खेलकूद प्रतियोगिता) एवं ‘तरंग’ (सांस्कृतिक प्रतियोगिता) के जरिये नई प्रतिभाओं की खोज हेतु भी निदेश दिए गए हैं।
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महामहिम राज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों राजभवन में ‘संविधान दिवस’, ‘गाँधीवाद’ पर सेमिनार, कृषि प्रदर्शनी-सह-किसान सम्मान समारोह, वीर नारी सम्मान-समारोह, ‘भजन संध्या’ आदि के आयोजन, ‘राजभवन संवाद’ पत्रिका, ‘काॅफी टेबुल बुक’ तथा ‘राजभवन कैलेण्डर’ के प्रकाशन, दरबार हाॅल में महापुरूषों के आकर्षक तैल चित्र लगाने, जैसी विभिन्न नयी पहलें भी हुई हैं। उन्होंने पिछले दिनों बिहार के विश्वविद्यालयों में भारतीय परिधानों की व्यवस्था के कार्यान्वयन पर भी संतोष व्यक्त किया। राज्यपाल ने प्रधान सचिव एवं पुस्तक की संपादन-समिति को पुस्तक-प्रकाशन के लिए धन्यवाद दिया।
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