पटना। बिहार में नीतीश सरकार सुशांत मामले में जितना तत्पर या हड़बड़ी में दिखी, अब बिहार में ही हो रहे अपराधों पर उतनी मुखर या सक्रिय क्यों नहीं है? रूपेश हत्याकांड का लंबेवक्त बाद पुलिस ने खुलासा तो किया, लेकिन इस खुलासे की पटकथा पर हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं। खुद रूपेश के परिजन इस खुलासे संतुष्ट नहीं हैं। रूपेश के भाई नंदेश्वर सिंह तो जेडीयू के झंडाबरदार भी रहे हैं, लेकिन अब उन्हें अपनी ही सरकार की पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।
अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लगता है कि बिहार फिर 1990-2005 के दौर में जा पहंचा है। हर दिन हत्याएं, छिनतई और लूट की घटनाएं हो रही है। हफ्ते भर के में बैंक के पैसे लूटने की दो घटनाएं हुईं। रेप की घटनाएं भी रोज-रोज सामने आ रही हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं। अपने पुलिस की कार्यशैली की सराहना कर रहे हैं।
अपराध की रोकथाम के नाम पर सिर्फ तबाददले हो रहे हैं। राजधानी पटना में सेक्स रैकेट पकड़ा जा रहा है। घर में घुस कर और सरेराह लड़कियों की अस्मत लूटी जा रही है। फिर भी तबादले के सिवा कोई कार्रवाई नहीं हो रही। अपराध की हालत ऐसी हो गयी है, जैसे नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी शराब बंदी। शराब बंदी के लिए नीतीश कुमार ने पुलिस की जितनी चौकसी बढ़ाई, उससे कई गुनी रफ्तार से बिहार में शराब तस्करों का धंधा फल- फूल गया। हर दिन शराब की खेप राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पकड़ी जा रही है।
प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का यह बयान कि बिहार में कब, किसे, कैसे और क्यों मार दे, यह कहना मुश्किल है। बिहार में बड़े ही डरावने हालात पैदा हो गये हैं। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है- ‘बिहार में बहुत ही डरावने हालात है। कौन, कब, किसे, कैसे और क्यों मार दे कोई नहीं जानता। सुपौल, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, नालंदा, सासाराम, पटना, समस्तीपुर जहां देखिए लूट, खून, बलात्कार, गोलीबारी, मर्डर, हत्या, हत्या और हत्या ही हत्या। बिहार में सरकार और विधि व्यवस्था नाम की चीज है ही नहीं? सरकार से कानून व्यवस्था पर सवाल पूछिए तो वो हड़प्पा काल की बात करते हैं। धरना-प्रदर्शन कीजिए तो नए फ़रमान जारी करते हैं। दबाव डालिए तो लीपापोती के लिए किसी को भी बलि का बकरा बना देते हैं। थके और कमजोर मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा। अपराधी और माफिया राज कर रहे हैं।’
तेजस्वी ने एक और ट्वीट कर कहा- गांधीवाद की दिखावटी बात करने वाले जेपी आंदोलन से निकले कथित नेता की तानाशाही के चर्चे और पर्चे अब विदेशों में छप रहे हैं। सोशल मीडिया पर लिखने से जेल, धरना-प्रदर्शन करने पर नौकरी से वंचित करने के तुगलकी फरमान सुनाए जा रहे हैं। लोकतंत्र की जननी बिहार को NDA सरकार अपमानित कर रही है।
तेजस्वी के आरोप भले ही विपक्ष के बोलते रहने की आदत के रूप में देखा जाए, लेकिन इसकी सच्चाई से जेडीयू के झंडाबरदार भी इनकार नहीं करेंगे। रूपेश सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के नाम पर पुलिस ने जो तहकीकात की है, उससे यही साबित होता है। तभी तो जेडीयू का झंडा ढोते रहने वाले रूपेश के भाई भी पुलिस के खुलासे पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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