PATNA : बिहार में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक व विधान पार्षद अपने वेतन में अगले एक साल तक 15 फीसदी कटौती होगी। यह रकम कोरोना उन्मूलन कोष में जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे पहले झारखंड में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक साल तक आधा वेतन कोरोना के लिए देने की घोषणा की थी।
मंत्रिमंडल की बैठक में 31 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। एक प्रस्ताव में के तहत निर्णय हुआ कि कोरोना वायरस (Covid-19) के कारण स्कूलों में अवकाश के मद्दनजर कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नति दे दी जाये। सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा इस बार नहीं हो पायी थी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली की खपत में प्रित इकाई सबसिडी के लिए 5494 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दी गयी। अप्रैल 2020 से 2021 की अवधि के लिए हर माह 457.83 करोड़ यह सबसिडी होगी। यह रकम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सीधे एनटीपीसी को भुगतान किया जाएगा।
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एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में आकस्मिकता निधि में भारी बढ़ोतरी की गयी है। बिहार आकस्मिकता निधि के अस्थाई कार्य के लिए पहले जो 350 करोड़ रुपये का प्रावधान था। उसे बढ़ा कर 66 करोड़ 18 लाख कर दिया गया है। ऐसा कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण उत्पन्न स्थितियों को ध्यान में रख कर दिया गया है।
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चारा घोटाले से संबंधित आपराधिक कांड संख्या आरसी 45 (ए)/ 96 सीबीआई अदालत रांची द्वारा 18.4.2018 को पारित निर्णय के आलोक में सजायाफ्ता बिहार पशु चिकित्सा सेवा के पशु चिकित्सक डॉ पीतांबर झा, ददेन भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी (चलंत) देवघर को सरकारी सेवा से बरखास्त करने की मंजूरी कैबिनेट ने दी।
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