पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मुजफ्फरपुर की घटना घृणित, निंदनीय एवं शर्मसार करने वाली है। यह घटना विकृत मानसिकता को दर्शाती है। समाज कल्याण विभाग ने टी.आई.एस.एस. (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस) की रिपोर्ट के उपरांत कार्रवाई प्रारम्भ की। पुलिस मुश्तैदी से कार्रवाई कर रही थी और विभागीय स्तर पर भी कदम उठाये गये। सदन में उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश में जाँच हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरी तरह से घटना को गम्भीरता से लेते हुए कार्रवाई प्रारम्भ की। भ्रम का वातावरण पैदा न हो, इसलिये सी.बी.आई. को इस केस की जाँच की जिम्मेवारी सौंपने का निर्णय हम लोगों ने लिया। एडवोकेट जेनरल ने माननीय उच्च न्यायालय को कहा कि उच्च न्यायालय की निगरानी में यह जाँच कार्य हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव, डी.जी.पी., समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक में मैंने कहा कि इस बात की पूरी समीक्षा की जाए कि आखिर ऐसी घटना क्यों घटती है? तंत्र में कहाँ कमी है। एन.जी.ओ. के द्वारा बालिका गृह, शेल्टर होम आदि का रखरखाव किया जाता रहा है। हम लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि अब एन.जी.ओ. को यह काम नहीं सौंपा जाएगा। ऐसी बालिकाओं/महिलाओं की कानूनी सुरक्षा का दायित्व सरकार का है। हमलोगों ने इन्वेस्टीगेशन के साथ-साथ कार्रवाई को प्राथमिकता दी। भविष्य में चीजें ठीक से फंक्शन करें, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी तंत्र के द्वारा इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी। यह काम फेज वाइज किया जाएगा। इसके लिए आवास का निर्माण करवाया जाएगा और स्टाफ की बहाली की जाएगी। पूरी जिम्मेवारी के साथ इस काम को किया जाएगा। बिहार पहला ऐसा राज्य है, जिसने स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया और ऐसी घटना की जानकारी सामने आयी। उसके बाद जरूरी कदम उठाये गये हैं। जो कोई भी दोषी होगा, वह नहीं बचेगा चाहे कोई भी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग इसके विरोध में कल कैंडल मार्च निकाल रहे थे और धरने पर बैठे थे, उनके हँसते हुए चेहरे से अंदाजा लगा सकते हैं कि वे इस घटना के प्रति कितने संवेदनशील हैं। कोई भी बिहारी ऐसा नहीं होगा, जो इस घटना से शर्मिन्दा न हो। इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर जिन्हें जो मन में आ रहा है, बोल रहे हैं। इनलोगों की महिलाओं के बारे में कैसी मानसिकता है, यह पूरे देश की महिलाएं जानती हैं। सत्ता जब मिली थी तो ये लोग माल बनाने में लगे रहे। देश में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा न बने, इसलिए ये लोग ऐसी अनाप-शनाप हरकत करते रहते हैं। ये खुद ही चार्जशीटेड हैं। सबको बोलने की आजादी है, जिन्हें जो समझ में आता है, बोलें, हम इन्हें कोई अहमियत नहीं देते हैं। इस मुद्दे का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। सी.बी.आई. जाँच कर रही है। कोई भी गड़बड़ करने वाला नहीं बचेगा, चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से क्यों न शामिल हो।
मीडिया में दिए जा रहे जातिगत स्टेटमेंट संबंधी प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग शुरू से इस तरह की बात करते रहे हैं। ऐसी परम्परा विकसित हो गई है। जो लोग भी ऐसा करते हैं, उनसे हम सहमत नहीं हैं। हम कभी ऐसा नहीं बोले हैं और आगे भी नहीं बोल सकते हैं। हमारा स्वभाव इस तरह का नहीं है। छवि खराब होने से संबंधित प्रश्न का जबाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बिहारवासी इस घटना से शर्मिंदगी महसूस कर रहा है। हम बिल्कुल कमिटमेंट के साथ काम कर रहे हैं, हमारी छवि बिहार की जनता तय करेगी।
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