पटना। बिहार में 84.76 लाख लोगों को तीन महीने की अग्रिम पेंशन राशि का भुगतान कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के मद्देनजर मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लाभुकों के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अन्तर्गत राज्य के कुल 84.76 लाख वृद्ध, विधवा व दिव्यांग पेंशनधारियों को तीन महीने मार्च, अप्रैल और मई, 2020 की अग्रिम पेंशन राशि का भुगतान कर दिया गया है।
श्री मोदी ने कहा कि कुल 84.76 लाख में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 66.59 लाख वृद्ध,विधवा व दिव्यांग तथा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के 18.16 लाख लाभुक हैं। केन्द्र व राज्य सरकार मिल कर प्रति लाभुक प्रति महीने कुल 400 रुपये की दर से पेंशन प्रदान करती हैं। साधरणतया मार्च-मई की पेंशन राशि का भुगतान जून तक होता था, मगर महामारी से उत्पन्न विशेष परिस्थिति में मार्च से मई माह तक का अग्रिम भुगतान करने का निर्णय लिया गया।
इसके पूर्व वित्तीय वर्ष 2019-20 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अन्तर्गत कुल 3,138 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है जिसमें भारत सरकार द्वारा प्रदत 1,196 करोड़ रुपये शामिल है। वर्ष 2020-21 में सभी 84.76 लाख लाभुकों को अप्रैल-मई की अग्रिम पेंशन राशि के तौर पर 721.3 करोड़ का भुगतान किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ, राहुल की तीखी आलोचना
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तरफ शारीरिक दूरी, हर तरह के मास्क और हाथ साफ रखने के लिए साबुन-सैनिटाइजर के उपयोग पर जोर दिया, तो दूसरी तरफ लाक डाउन के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ के पैकेज, तीन महीने तक मुफ्त राशन, उज्जवला गैस के तीन सिलेंडर मुफ्त देने और जन-धन खाते में पांच-पांच सौ रुपये डालने जैसे कई उपाय किये। सरकार ने जब सस्ता सेनेटाइजर उपलब्ध कराने के लिए चावल से इथनाल बनाने की अनुमति दी, तब राहुल गांधी ने इसका भी विरोध कर दिया। देश में न चावल की कमी है, न कोई भूख से मरा, लेकिन राहुल गांधी ने भ्रम और भय फैलाने वाली राजनीति शुरू कर दी। जो पार्टी 60 साल में गरीबी नहीं दूर कर पायी, वह केवल भ्रामक बयानों से चेहरा चमकाना चाहती है।
उन्होंने बताया कि राज्य में आरएमआरआइ, एम्स, पीएमसीएच सहित पांच सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल कोरोना की जांच और इलाज के लिए तय किये गए। अब 22 जिलों में महामारी विशेषज्ञ तैनात किये गए। कोरोना संकट को देखते हुए केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 4631 करोड़ जारी किये गए। महामारी के विरुद्ध संघर्ष में सरकार पीड़ित मानवता के साथ खड़ी है।
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