बिहार में University के वीसी-प्रो वीसी भी अब कर सकेंगे हवाई यात्रा

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बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन

राज्यपाल ने प्रशासकीय सेवा शर्तों से संबंधित परिनियम को दी मंजूरी

पटना। बिहार में वीसी-प्रो वीसी भी अब कर सकेंगे हवाई यात्रा। राज्यपाल लाल जी टंडन ने प्रशासकीय सेवा शर्तों से संबंधित परिनियम को मंजूरी दे दी। बिहार के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन ने कुलपतियों एवं प्रतिकुलपतियों के लिए प्रशासकीय सेवा शर्तों एवं सुविधाओं से संबंधित परिनियम को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि पुराने परिनियम में स्पष्टता तथा वर्तमान आवश्यकता एवं समय के अनुरूप संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके ही मद्देनजर उक्त परिनियम को राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा स्वीकृति दी गई है। इस परिनियम पर राज्य के शिक्षा विभाग एवं वित्त विभाग की भी सहमति प्राप्त है।

स्वीकृत परिनियम के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की भाँति कुलपतियों/ प्रतिकुलपतियों को भी हवाई यात्राओं की सुविधाएँ प्राप्त होंगी। डी॰ए॰/ होटल चार्जेज/ टैक्सी चार्जेज आदि भी राज्य सरकार में प्रतिनियुक्त अखिल भारतीय सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुरूप मिलेंगे। कुलपतियों/ प्रतिकुलपतियों को अ॰भा॰से॰ के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुरूप विद्युत एवं जलापूर्ति की सुविधा विश्वविद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।

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उन्हें राज्य सरकार के अनुरूप मँहगाई-भत्ता भी मिलेगा। ईंधन एवं चालक सहित स्टाफ कार की सुविधा भी इन्हें उपलब्ध होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन में पूर्व से वाहन उपलब्ध नहीं रहने पर, ‘बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम’ द्वारा निर्धारित दर पर भाड़े पर भी वाहन इनके लिए लिये जा सकेंगे। राज्य सरकार की भाँति कुलपतियों/ प्रतिकुलपतियों को आतिथ्य सत्कार भत्ता भी प्राप्त हो सकेगा।

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स्वीकृत परिनियम के अनुसार प्रतिकुलपतियों को कुलपति द्वारा एवं कुलपतियों को कुलाधिपति-सह-राज्यपाल द्वारा अवकाश स्वीकृत किये जायेंगे। विदेश-दौरे के लिए कुलपतियों/ प्रतिकुलपतियों को राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त करनी होगी, जबकि विदेश दौरों के लिए अवकाश की स्वीकृति कुलाधिपति-सह-राज्यपाल द्वारा प्रदान की जायेगी। उपार्जित अवकाश की गणना विश्वविद्यालयीय नियमों के अनुरूप होगी। चिकित्सा-प्रतिपूर्ति की प्राप्ति अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के अनुरूप होगी। कर्तव्य अवकाश कैलेण्डर वर्ष में अधिकतम 16 दिनों के लिए अनुमान्य होगा।

राज्यपाल-सह-कुलाधिपति की स्वीकृति के बाद राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत कुलपतियों एवं प्रतिकुलपतियों के लिए सेवा शर्तों और सुविधाओं में और अधिक स्पष्टता एवं समयानुकूल समीचीनता आ जायेगी।

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