पटना। बीजेपी के बिहार अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल की पत्नी ने भी कोरोना संकट के मद्देनजर डेढ़ लाख रुपये का दान किया है। परिजनों ने भी सहयोग किया है। डा. जायसवाल ने कहा कि किसी भी नेक कार्य के लिए सहयोग मांगने की शुरुआत सदैव अपने घर से होनी चाहिए। यही सोच कर मैंने प्रधानमंत्री के कोष में एक लाख रुपए अपने अकाउंट से दिया था। शनिवार-रविवार को बैंक बंद था, इसलिए मेरी पत्नी ने भी सोमवार को अपनी कमाई से डेढ़ लाख रुपये पीएम केयर्स में जमा किया। इसके साथ ही मेरे भतीजे डॉक्टर अमिताभ चौधरी ने खुद के एक लाख के सहयोग के साथ 1,51000 का दान लायंस क्लब बेतिया से कराया।
बीजेपी अध्यक्ष डा. जायसवाल ने कहा- मेरे छोटे भाई डॉक्टर दीपक ने भी 50,000 राशि दान की है। सांसद निधि से दिए गए एक करोड़ रुपए की राशि के अलावा मेरे परिवार ने 5 लाख रुपये का सहयोग पीएम केयर फंड में दिया है। मेरे बेटे ने भी 3000 रुपये अपने जेब खर्च से बचा कर अलग से दिया है। डाय जायसवाल ने लोगों से अपील की है कि आप सभी कम से कम 100 रुपये का सहयोग पीएम केयर्स में जरूर करें।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मैं आभारी हूं कि उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए 29000 करोड़ रुपये केवल प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने के लिए एनडीआरएफ से दिया है। पर अफसोस है कि इसके बावजूद कुछ घटिया लोग प्रवासी मजदूरों को परेशान करने का काम कर रहे हैं। प्रतिदिन की तरह आज भी 100 गरीबों के भोजन का प्रबंध हम लोगों ने किया।
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उधर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कोरोना से लड़ाई के लिए लॉक डाउन को बेहद अहम बताते हुए कहा “कई जगहों से खबरें आ रही हैं कि लॉकडाउन को कुछ लोग हल्के में ले रहे हैं. ऐसे में मेरी उनसे अपील है कि लॉक डाउन के महत्व को कम कर के न आंकें और सरकार द्वारा दिए जा रहे रंजन ने कहा कि लोग लाक डाउन के निर्देशों का पालन करें। लोगों को यह समझना चाहिए कि कोरोना आज पूरी मानवजाति पर खतरा बन कर मंडरा रहा है।
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अभी तक 159 देशों में इसका कहर फ़ैल चुका है। कोरोना संक्रमण के फैलने की गति काफी तीव्र है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि इसके संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख पहुँचने में 67 दिन का समय लगा था, वहीं 2 लाख तक इसकी पंहुच 11 दिन में हो गयी और अगले एक लाख यानी तीन लाख तक पंहुचने में इसे महज 4 दिन लगे। अमेरिका, चीन, इटली जैसे विकसित मुल्कों में, जिनकी स्वास्थ्य व्यवस्था दुनिया में सबसे बढ़िया मानी जाती है, वहां इसके कहर से रोजाना हजारों लोगों की जानें जा रही हैं।
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बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि कल्पना करें कि भारत जैसी सघन आबादी वाले विकासशील मुल्क में यह वायरस कैसी तबाही मचा सकता है।. अभी तक इस महामारी का कोई ठोस इलाज नहीं निकाला गया है। इसीलिए लॉक डाउन ही इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतरीन उपाय है। चूँकि इस वायरस का संक्रमण साइकिल 21 दिनों का है, इसीलिए लॉक डाउन की अवधि भी 21 दिनों की रखी गयी है। केंद्र और बिहार सरकार लोगों के हित में पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही हैं। लोगों को परेशानी न हो, इसलिए आवश्यक वस्तुओं और सुविधाओं को लॉक डाउन से बाहर रखा गया है। इस लड़ाई से देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुँचाने वाला है, लेकिन दोनों सरकारों ने अपने लोगों की सुरक्षा को तरजीह देते हुए यह फैसला लिया है। ऐसे हम सभी का भी यह दायित्व है कि इस लॉक डाउन में अपना सहयोग अवश्य दें।
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