भाजपा के सचेतक अनिल सिंह के खिलाफ कोर्ट ने लिया संज्ञान

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बिहार भाजपा विधायक दल के सचेतक अनिल सिंह
बिहार भाजपा विधायक दल के सचेतक अनिल सिंह

6 साल पुराना मामला नवादा के मॉडर्न स्कूल में सशस्त्र हमला कर रंगदारी वसूली का

नवादा। भाजपा के सचेतक अनिल सिंह के खिलाफ कोर्ट ने कई धाराओं में संज्ञान लिया। अनिल सिंह सहित 9 के विरुद्ध सीजेएम ने संज्ञान लिया। इन पर हत्या के प्रयास सहित कई धाराएं लगायी गयी हैं। अनिल सिंह हिसुआ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक  व बिहार विधानसभा में दल के सचेतक हैं।

अनिल सिंह सहित 9 लोगों के विरुद्ध नवादा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत संज्ञान लेते हुए जनप्रतिनिधियों के लिए बने विशेष न्यायालय तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में ट्रायल के लिए मामले को हस्तांतरित कर दिया है। गाथा के अनुसार 18 अक्टूबर 2012 को भाजपा विधायक अनिल सिंह, उनके भाई शंभू सिंह, सुरेंद्र सिंह, दिवाकर सिंह, लखमोहना के उदय सिंह, चुनचुन सिंह,  बढ़ाऊना गांव के रामानुज सिंह, डुमरामा गांव के उमेश सिंह, उनके पुत्र शिवम कुमार सहित सैकड़ों लोगों ने अपने-अपने हाथ में लिए राइफल से गोलियां चलाते हुए तोड़फोड़ कर ₹300000 मूल्य की संपत्ति बर्बाद कर दी थी। साथ ही 50,000 रुपये महीने  रंगदारी नहीं देने पर स्कूल बंद कराने की  भी धमकी दी थी।

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हत्या के प्रयास की नीयत से गोलियां भी चलाई गईं। सूचक के अनुसार एक सप्ताह पूर्व हत्या की धमकी देकर 100000 रुपये रंगदारी भी ली गई थी। इस मामले में स्कूल के प्राचार्य सुखदेव सिंह ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विधायक के प्रभाव में आकर पुलिस ने इस केस को फाइनल कर दिया था।

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संज्ञान के सवाल पर नवादा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने पुलिस डायरी के पारा नंबर 2, 4, 10, 11, 12, 13 में अभियुक्तों के विरुद्ध संज्ञान लेने का पर्याप्त साक्ष्य पाया। प्रथमद्रष्टया इस मामले में दोषी पाते हुए विधायक सहित सभी 9 नामजदों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 307, 337, 147, 148, 149, 504, 387, 506, 427 के साथ ही शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत दंडनीय अपराध मानते हुए संज्ञान लेकर जिला एवं सत्र  न्यायाधीश के आदेशानुसार इस मामले के निष्पादन को ट्रायल के लिए जनप्रतिनिधियों के लिए बने विशेष कोर्ट तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित करते हुए 16 जुलाई को अभियुक्तों के विरुद्ध समन जारी करने के निर्देश दिए हैं।

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स्कूल संचालक ने विधायक के विरुद्ध न्यायालय में लड़ाई लड़कर 6 वर्षों बाद न्याय पाते हुए संज्ञान की कार्रवाई पूरी कराई। ऐसा देखा गया है कि पुलिस तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और सत्ताधारी दल के दबदबे के कारण सत्ता धारियों के विरुद्ध दर्ज अधिकतर मामलों को पुलिस गलत ठहरा देती है। इसी सोच के तहत पुलिस महकमे ने उस समय विधायक सहित सभी नामजद के विरुद्ध साक्ष्य नहीं पाते हुए निर्दोष करार दिया  था। लेकिन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने पुलिस डायरी में मिले साक्ष्यों के आधार पर विधायक सहित सभी के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए ट्रायल की कार्रवाई शुरू कराने का आदेश जारी किया। इस संज्ञान के बाद नवादा के राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया है।

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