- नंदकिशोर सिंह
लोकसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही सरगर्मी बढ़ रही है। भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी चार प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर भाजपा को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। इन चारों राज्यों में लोकसभा की 200 से अधिक सीटें हैं और कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में पार्टी गठबंधन सहयोगी को ज्यादा अहमियत देगी। कांग्रेस की नजर उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पर है। इन चारों राज्यों में लोकसभा की 207 सीटें हैं। इनमें से भाजपा और उसके सहयोगी दलों व एआईडीएमके के पास 186 सीटें हैं। एआईडीएमके सरकार का हिस्सा नहीं है, पर भाजपा के प्रति उसका रुख नरम है।
पार्टी मानती है कि 2019 में जीत के लिए इन प्रदेशों में भाजपा और सहयोगियों को हराना जरूरी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा इन चारों राज्यों में कांग्रेस दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर मजबूत गठबंधन बनाएगी, ताकि भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कड़ी चुनौती दी जा सके। उत्तर प्रदेश में (सपा -बसपा) के साथ महाराष्ट्र में (एनसीपी) के साथ बिहार में (आरजेडी) और तमिलनाडु में (डीएमके) के साथ मिलकर भाजपा और सहयोगियों को कम सीट पर रोका जा सकता है। जिसके साथ कांग्रेस गठबंधन करेगी इन चारों राज्यों में, विपक्षी गठबंधन जितनी सीट पर जीत दर्ज करेगा, वह एनडीए को बहुमत के आँकड़े से उतनी दूर ले जाएगा। इसलिए कि इन सभी राज्यों में भाजपा और सहयोगी दल अपने चरम पर हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा इस गणित को समझती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री सहित भाजपा के तमाम बड़े नेता उत्तर प्रदेश और बिहार के चक्कर लगा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सहयोगी दलों से गठबंधन के साथ पार्टी उन राज्यों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां भाजपा से उसका सीधा मुकाबला है।
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