पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा छेड़ी गयी लड़ाई में डीबीटी और आधार द्वारा अहम भूमिका निभाने की बात कहते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा, डीबीटी और आधार दोनों ही योजनाएं आज देश से भ्रष्टाचार मिटाने में काफी कारगर हथियार साबित हो रहे हैं। सरकारी योजनाओं में इनके प्रयोग से ने केवल लाभुकों को उनका हक़ सीधे मिल रहा है, बल्कि इसने इन योजनाओं में व्याप्त बिचौलिया तंत्र को तोड़ कर रख दिया है।
इन दोनों योजनाओं के कारण वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपये अभी तक बिचौलियों के हाथों में जाने से बचाए हैं, जिनका उपयोग अब देश के विकास में होगा।
डीबीटी के जरिए सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 1.5 लाख करोड़ रुपये की रकम को सीधे जनता के खातों में पंहुचाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दुगुनी है और इस वर्ष सरकार के कल्याणकारी बजट का तीन-चौथाई डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में पंहुचाया जाएगा।
2014 से अभी तक 4 लाख 11 हजार 139 करोड़ से अधिक की राशि लाभुकों तक इस योजना के मार्फत पंहुच चुकी है। कुल दूसरी तरफ आधार की बात करें तो अभी तक अभी तक देश के 98 फीसदी वयस्कों तक इस योजना की पंहुच हो चुकी है।
इसके अलावा अभी तक 78% एलपीजी कनेक्शन, 61 फीसदी राशन कार्ड, 69 प्रतिशत मनरेगा कार्ड और 30 करोड़ से अधिक बैंक खाते आधार नंबर से जोड़े जा चुके हैं, जिससे फर्जी लाभुकों की पहचान करने में सरकार को आसानी हो रही है। आधार लिंक करने के कारण पिछले चार सालों में 3 करोड़ 77 लाख फर्जी गैस कनेक्शनों का पर्दाफाश हुआ। मिड डे मील पाने वाले 4 लाख 40 हजार फर्जी छात्र-छात्राओं का पता चला। लगभग ढाई करोड़ फर्जी राशन कार्डों का खुलासा हुआ। मनरेगा में पंजीकृत लाखों फर्जी लोगों को हटाया गया तथा 1 लाख 30 हजार से अधिक फर्जी कॉलेज शिक्षकों का भंडाफोड किया गया।
आधार के ही कारण तमाम सरकारी विभागों और मंत्रालयों से लाभ लेने वाले लोगों का भी पता चल रहा है। हकीकत में यह दोनों ही योजनाएं आज भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित हो रही हैं, जिनसे न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लग रही है बल्कि सरकार के हजारों करोड़ रुपए भ्रष्टाचारियों के हाथ में जाने से भी बच रहे हैं।
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