मलिकाइन के पातीः जइसन करनी, ओइसन भरनी

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पांव लागीं, मलिकार! विसवास बा कि रउरा नीक-निरोग होखेब। काली माई के रोजे सांझ-सबेरे गोहराइले रउरा खातिर। ए मलिकार, रउरा से एगो बात जाने के रहल हा। पूछेब त खिसिआयेब मत। रउरा त जनबे करीले कि हम लिख लोर्हा-पढ़ पत्थर हईं। आज पांड़े बाबा खबर कागज बांच के बतावत रहवीं कि मोदी जी काल्ह आवे वाला बाड़े। फेरू वोट होता का मलिकार? हम नीमन से ना सुन पउवीं कि काहें खातिर उहां के आवतानी। ओही बेरा संझिलका खाये खातिर रोहपट लगा दिहुवे। ओकरा में अझुरा गउवीं। पूरा खबरिया सुनिये ना पउवीं। बाद में लोग के बतही से साफ साफ ना समझ पउवीं के काहें खातिर ऊ आव तारे। खाली एतने बुझउवे कि कवनो गरह होखे वाला बा। ओही में उनकरा आवे के बा। (अनपढ़ मलिकाइन स्वच्छताग्रह के गरह लिखले बाड़ी। चंपारन से ई शुरू होखे वाला बा आ एही में मोदी जी के आवे के बा काल्ह)। वोट त अगिला साल बा नू मलिकार। रउरे त हमरा के एक बेर बतवले रहनी कि पांच साल पर वोट होला। अबे कवन बेचैनी घेरले बा! हं, एगो अउरी बात बतियावत रहुवे लोग। कादुन ए घरी नीतीश के मोदी जी से ढेरे पटत बा। ए मलिकार, सांच-सांच बतायेब कि लालू जेले में बन्हाइल रहिहें का? सताइस बरिस के सजाय भइल बा। सत्तर से ऊपर अबहीं बाड़े। कई गो के फसिला (फैसला) बाकी बा। रामचरना ओह दिन दही बेचे आइल रहुवे त ऊहे कहत रहुवे- ए मलिकाइन, लालूजीउवा के अइसन नीतीशवा कइलस कि बेचारा बड़ बेटा के बियाहो ना देख पइहें। ऊ बियाह कइसन लागी मलिकाइन? मोह त हमरो लागत बा, बाकिर जेकर जइसन करनी, ओकर ओइसन भरनी। बाकिर एइमें नीतीश के कवनो.दोस होई, हमरा नइखे बुझात। कुछ कइलहूं होइहें त उनका आगे आई। हमरा त ऊ आदमी कबो बेजांय ना लागल। एगो अउरी बात। बाकिर छोड़ी, अब काल्ह लिखवायेब
राउरे,
मलिकाइन

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