महादलितों और पिछड़ी जातियों के हितैषी नहीं हैं राजद-कांग्रेस

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पटना। कांग्रेस तथा राजद को निशाने पर लेते हुए पूर्व विधायक तथा प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने कहा कि राजद और कांग्रेस महादलितों और पिछड़ी जातियों को आगे बढ़ते नही देखना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे बड़ा दुश्मन दोनों पार्टियां बन गयी हैं। उन्होंने  कहा- राजद-कांग्रेस दोनों दल आज पूरी तरह से राजनीतिक सामंत बन चुके हैं। खुद को दलितों/महादलितों का मसीहा करार देने वाले राजद के नेताओं से अगर इन समुदाय के लोगों के हित में किए कार्यों के बारे में पूछें तो इनके नेता बगलें झाँकने लगते हैं और महादलितों के प्रति कांग्रेस की क्या सोच है, वह अपने पूर्व अध्यक्ष के प्रति इनके व्यवहार से पता चल जाता है।

महादलितों की ही तरह राजद-कांग्रेस ने पिछड़े/अतिपिछड़े समुदाय के साथ भी इसी तरह हमेशा ही दोहरा खेल खेला है। हर चुनाव के समय यह दोनों दल पिछड़े/अतिपिछड़े समुदाय के लोगों के साथ लंबे चौड़े वादे करते हैं और चुनाव खत्म होते ही इन्हें पूछते तक नहीं। पिछड़े/अतिपिछड़े समुदाय के साथ इनके दोमुंहेपन का सबसे बड़ा सबूत पिछड़ा/अतिपिछड़ा आयोग के गठन में इनके द्वारा लगाया जा रहा व्यवधान है।

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आज भाजपा के लाख प्रयास करने के बावजूद कांग्रेस और उसके सहयोगी दल राज्यसभा में छोटी-छोटी तकनीकी चीजों को लेकर पिछड़ा/अतिपिछड़ा आयोग के गठन में अड़ंगा लगा रहे हैं। खुद को राजा समझने वाले इनके नेता हकीकत में महादलितों और पिछड़ी जातियों को अपना गुलाम समझते हैं और इसीलिए उन्हें आगे बढ़ते नही देखना चाहते। ये दोनों दल जान जाएं कि आज भाजपा महादलितों और पिछड़े/अतिपिछड़े समुदाय के लोगों के साथ हर तरह से खड़ी है और इन्हें पीछे रखने की किसी कोशिश को कामयाब नही होने देगी।

श्री रंजन ने आगे कहा, “ इन दोनों दलों द्वारा लाख व्यवधान डाले जाने के बावजूद केंद्र सरकार इन समुदायों के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्यरत है। आज केंद्र सरकार द्वारा देश के विकास के लिए 112 योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिसका सबसे ज्यादा फायदा देश के दलितों, पिछड़ों/अतिपिछडे और आदिवासियों को मिल रहा है। सरकार की अनेक क्रन्तिकारी योजनाएं इन समुदायों के युवाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान को ध्यान में रख कर बनी हैं, जिसका फायदा आज इन समाजों के लाखों युवाओं को मिल रहा है। इनके आर्थिक विकास की बात करें तो केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही स्टैंड अप योजना के तहत 2.5 लाख दलित उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत बैंक के हरेक शाखा को अपने क्षेत्र के कम से कम एकदलित, एक महिला और एक आदिवासी को बिजनेस के लिए लोन देना है।

केंद्र की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना के तहत अभी तक 12 करोड़ से ज्यादा लोगों के बीच तकरीबन 6 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है, जिसके लाभान्वितों में इन समुदायों के लोग काफ़ी ज्यादा संख्या में हैं। इन समुदायों के युवाओं पर विशेष ध्यान देते हुए केंद्र सरकार इनके लिए अलग से मुद्रा बैंक की शुरुआत करने वाली है, जिसकी शुरुआत 20 हजार करोड़ रुपए के कोष से की जाएगी। इन योजनाओं के साथ ही केंद्र ने वेंचर कैपिटल फंड योजना भी शुरू की है जिसके तहत दलित समुदाय के युवाओं को 50 लाख से 15 करोड़ तक का ऋण दिया जा रहा है। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि ऋण की 80 फीसदी राशि की गारंटी खुद केंद्र सरकार दे रही है। इन योजनाओं का लाभ उठाने वाले युवक आज कई अन्य युवकों को भी रोजगार दे रहे हैं। राजद-कांग्रेस के नेताओं से हमारा आग्रह है कि अगर उन्हें इन लोगों की थोड़ी भी फ़िक्र है तो केंद्र सरकार के कार्यों में सहयोग करें, जिससे इनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान में तेजी आए।”

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