- बहुचर्चित बिहिया निर्वस्त्र कांड में कोर्ट ने सुनाया फैसला
- 15 आरोपितों को दो साल की सजा व दो-दो हजार फाइन
- पांचों मुख्य आरोपितों पर भी 12-12 हजार का अर्थ दंड भी
- सजा सुनाए जाने को ले कोर्ट में रही गहमागहमी
आरा। सूबे के बहुचर्चित बिहिया निर्वस्त्र कांड में शुक्रवार को सिविल कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने कांड के मुख्य पांच आरोपितों को सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। किशोरी यादव सहित पांचों आरोपितों को 12-12 हजार रुपये का फाइन भी देना होगा। वहीं अन्य 15 आरोपितों को दो साल की सजा दी गयी है। इन पर भी दो-दो हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है। यह फैसला प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आरसी द्विवेदी ने सुनाया।
इसके बाद सभी 20 आरोपितों को जेल भेज दिया गया। सजा सुनाये जाने को लेकर कोर्ट कैंपस में गहमागहमी बनी रही। कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में 20 आरोपितों को दोषी ठहराया था। शुक्रवार को इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से बहस हुई। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया।
इसमें किशोरी यादव, विष्णु कुमार, मुमताज अंसारी उर्फ ताज, सिकंदर व विनोद कुमार केशरी उर्फ मड़ई को सात-सात साल की कठोर कारावास की सजा और 12-12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इनमें महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने पर पांच व एससी-एसटी ऐक्ट में में दो साल की सजा है। वहीं विकास रजक को छोड़ अन्य सभी 14 दोषियों को एससी-एसटी ऐक्ट में दो साल की सजा दी गयी है। विकास रजक को उपद्रव मामले में दो साल की कैद की सजा दी गयी है। बता दें कि 20 अगस्त को छात्र की हत्या के बाद महिला डांसर की निर्वस्त्र कर पिटाई की गयी थी। उसे निर्वस्त्र कर घुमाया गया था।
कांड में 22 आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कि थी चार्जशीट
इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। सात अज्ञात लोगों को भी आरोपित किया गया था। बाद में पुलिस ने एक आरोपित को फरार दिखाते हुए 22 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एक को किशोर घोषित कर दिया गया। उसका मामला जुबेनाइल कोर्ट में है। इसके बाद कोर्ट ने 20 आरोपितों को दोषी पाया था।
यह भी पढ़ेंः क्या उपचुनाव में विपक्ष की एकता आम चुनाव तक बरकरार रहेगी