- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। शताब्दी राय मान गयी हैं। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से से मिलने के बाद टीएमसी सांसद vs दिल्ली दौरे का प्लान टाल दिया है। उन्होंने आज दिल्ली जाने का प्लान बनाया था। माना यह जा रहा था कि दिल्ली में वे गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगी और बीजेपी में ज्वाइन करने की रणनीति को अंतिम रूप देंगी। दिन में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस बात के संकेत भी दिये थे।
शाम में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी का रथ रोक लिया। टीएमसी सांसद शताब्दी राय ने ने 16 जनवरी को मीडिया के सामने यह कहा था कि टीएमसी में अब कोई उनकी बात नहीं सुनता। इसलिए वह बीजेपी के साथ रिश्ते बना सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने आज दिल्ली जाने की बात कही थी। अनुमान लगाया जा रहा था सांसद शताब्दी राय 17 जनवरी को अमित शाह के साथ मुलाकात करेंगी और बीजेपी में जाने की सहमति दे देंगी।
कल उन्होंने इसका संकेत दिया था। कल शाम शताब्दी राय ने अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की और इसके साथ ही यह घोषणा भी कर दी कि वे 17 जनवरी को दिल्ली नहीं जा रही हैं। समझा जा रहा है कि अभिषेक से मुलाकात के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गयी है। उधर दिल्ली में बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल राय और दिलीप घोष पहले से ही पहुंच चुके हैं। वे शताब्दी राय और शिशर अधिकारी के बारे में अमित शाह से मिल कर पार्टी में शामिल कराने की रणनीति पर अंतिम निर्णय लेने वाले थे।
अमित शाह 30 जनवरी को कोलकाता आने वाले हैं और उस दिन अनुमान लगाया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर विधायक और कुछ सांसद टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होंगे। अमित शाह ने अपनी यात्रा इसके पहले भी तय की थी, लेकिन टाल कर 30 जनवरी को किया गया था। पहले कैलाश विजयवर्गीय ने यह ऐलान किया था कि बीजेपी में आने के लिए टीएमसी के 41 एमएलए उनके संपर्क में हैं। इसके पहले 60-70 एमएलए के संपर्क में आने की बात कही गई थी। अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि दूसरे दल छोड़कर बीजेपी में 16 विधायक और एक सांसद शामिल हो चुके हैं। उनमें एक सीपीआई की एमएलए हैं और एक सांसद सुनील मंडल है।
सांसद शिशिर अधिकारी के बेटा हैं शुभेंदु अधिकारी। शुभेंदु ने पहले ही बीजेपी ज्वाइन कर ली है। इससे अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था कि शिशिर अधिकारी भी बीजेपी में जाएंगे। अपने परिवारी जनों पर मीरजाफर जैसी टिप्पणी और हल्दिया पोस्ट ट्र्सट की जिम्मेवारी से मुक्त किये जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि जल्दी ही वे पार्टी छोड़ेंगे। टीएमसी ने भी अंदेशा भांप कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा भी था कि जिस टीएमसी के लिए या उनके परिवार ने अब तक जी-जान से कोशिश की है, वहां अब उपेक्षा या टीएमसी नेताओं की परिवार के बारे में टिप्पणी असहनीय है।
सच्चाई है कि टीएमसी के वैसे सांसद या विधायक जो किसी न किसी मामले में आर्थिक मामलों के आरोपी रहे हैं, उनको बीजेपी में शामिल होने की हड़बड़ी ज्यादा है। उन्हें लगता है कि बंगाल में अगली सरकार बीजेपी की बनने वाली है। अगर साथ चले गये तो शायद उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया जाएगा। मुकुल राय समेत कई ऐसे टीएमसी के नेता हैं, जिन पर आर्थिक आरोप लगे हैं। चिटफंड कंपनियों के घोटालों में उनके शामिल होने रहने की सूचनाएं केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के पास हैं।
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