मुजफ्फरपुर की घटना पर नीतीश ने चुप्पी तोड़ी, कहा- काफी आहत हूं

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नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।

पटना  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अधिवेशन भवन में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के शुभारंभ के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत के लिए समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग को बधाई देता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने नारी सशक्तिकरण के लिए नवंबर 2005 में सरकार में आने के बाद से कई काम किए हैं। हमलोगों ने महिलाओं की आधी भागीदारी को मानते हुए पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया। राज्य में 8 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का निर्माण हो चुका है, जिसके तहत 92 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य है।

केंद्र सरकार ने इसे अपनाते हुए आजीविका नाम से यह संगठन शुरू किया है। इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और परिवार के लिए आमदनी का श्रोत भी बना है। यह राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिडिल स्कूल की लड़कियां गरीबी के कारण पोशाक नहीं उपलब्ध होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाती थीं। हमलोगों ने इसके लिए बालिका पोशाक योजना की शुरुआत की, जो बाद में हाई स्कूल की लड़कियों के लिए भी लागू की गई। 9वीं कक्षा की लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की गई, जिससे आज 9वीं कक्षा में 8 लाख से अधिक लड़कियां सरकारी स्कूलों में जाने लगी हैं। बाद में यह साईकिल योजना लड़कों के लिए भी शुरु की गई।

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हमारी सरकार ने छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग समाज सुधार के काम में भी लगे हुए हैं। 2 अक्टूबर 2017 से बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान शुरू किया गया। इसी वर्ष 21 जनवरी को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों ने अपनी भावना का प्रकटीकरण करते हुए 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाई। कम उम्र में विवाह होने से उत्पन्न होने वाले बच्चे बौनेपन एवं अन्य बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।  साथ ही कम उम्र में जन्म देने वाली माताओं की मृत्यु की आशंका ज्यादा रहती है। हमलोगों ने महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी को लागू किया। शराबबंदी के समर्थन में पिछले वर्ष 21 जनवरी को 4 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर इसे अपना समर्थन दिया था। शराबबंदी का सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को मिला है। समाज के कुछ चंद लोग शराब पीने को अपना मौलिक अधिकार समझकर इसका विरोध करते हैं। सब लोगों के इसके प्रति सतर्क रहने की जरुरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी बच्चों को पोशाक की राशि उपलब्ध करायी गई है। बच्ची के जन्म लेने पर अब लोगों को खुश होने की जरुरत है। सरकार बच्ची के जन्म लेने पर 2 हजार रुपए की राशि उसके परिजन के खाते में जमा करेगी। एक साल के बाद आधार से लिंक करने पर एक हजार रुपये तथा दो वर्ष के बाद पूर्ण टीकाकरण होने पर 2 हजार रुपये बैंक खाते में चले जाएंगे। यह योजना दो बच्चों वाले परिवार पर लागू होगी। मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत पहली से दूसरी कक्षा की छात्राओं की राशि को 400 से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है, तीसरी से पॉचवीं कक्षा के लिए पोशाक राशि 500 से बढ़ाकर 700 रुपये, छठी से आठवी कक्षा के लिए 600 से बढ़ाकर 800 रुपये तथा बिहार शताब्दी पोशाक योजनान्तर्गत 1000 रूपये से बढ़ाकर राशि को 1500 रुपये कर दिया गया है। किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत सेनेटरी नेपकिन के लिए 150 रुपए की राशि को बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है। इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार रुपए की राशि तथा स्नातक पास करने वाली विवाहित हो या अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रूपये की राशि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी यानि राज्य सरकार बच्ची के जन्म लेने से स्नातक स्तर तक की पढ़ाई करने तक कुल 54,100 रुपए सरकार खर्च करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सबसे अपील करना चाहता हूँ कि बेटियों की बराबरी के लिए काम करें। उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार ने यह यूनिवर्सल कानून लागू किया है। इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा से छुटकारा मिलेगा। लड़कियों की संख्या में वृद्धि होगी। उनमें आत्म विश्वास बढ़ेगा और वे आगे बढ़ सकेंगी, तभी आगे पढ़ सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसेवा अधिकार के तहत इस योजना को शामिल करना चाहिए ताकि लोकसेवा केंद्र पर बच्ची के जन्म लेने के बाद उसके आवेदन पर निर्धारित समय के अंदर सारी सुविधाओं का लाभ उसे मिल सके। तीनों विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव यहां उपस्थित हैं, आप लोग इसे सुनिश्चित करें ताकि सहज और आसानी से इसका लाभ लाभुकों को मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस विशेष अवसर पर साइकिल योजना के अंतर्गत मिलने वाली 2500 रुपए की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए करने का निर्णय भी लिया गया है। प्रधान सचिव शिक्षा विभाग यह सर्वेक्षण करवा लें कि लाभार्थियों को मिलने वाली राशि का सदुपयोग वे साइकिल खरीदने में कर रहै हैं या नहीं। इन सब कदमो से छात्रों में शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। समाज में प्रेम, सद्भाव और शांति का माहौल बना रहे, लोग आपस में मिलकर आगे बढ़ते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर की शर्मनाक घटना से काफी आहत हूं और आत्म ग्लानि महसूस कर रहा हूँ। समाज में कैसी-कैसी मानसिकता के लोग हैं। सीबीआई इस पर कार्रवाई कर रही है। हमने एडवोकेट जनरल से कहा है कि हाईकोर्ट की निगरानी में केस की मॉनिटरिंग हो ताकि और पारदर्शी  ढंग से इस पर कार्रवाई हो सके और कोई भी दोषी बच नहीं पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से मैंने बैठक में ये बातें कही है कि इन चीजों को पता करने की जरुरत है कि आखिर सिस्टम में कहां चूक है। ऐसी व्यवस्था बनायी जाए कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस तरह का कृत्य जिस किसी ने भी किया है पाप है, घृणित है। तंत्र को और दुरुस्त करने की जरुरत है। हमलोग समस्त बिहारवासी इस घटना से शर्मसार हैं। पापियों को ऐसी सजा मिले कि समाज में ऐसी घटना करने की कोई हिम्मत आगे से न कर सके। हम सबको मिलकर इस व्यवस्था में सुधार के लिए काम करना होगा। यह एक सामाजिक सुधार का कार्यक्रम है, इसके लिए जागृति लाने की जरुरत है। स्वयंसहायता समूह सामाजिक क्षेत्र में भी अच्छा काम कर रही हैं। एक-एक बिंदु पर सचेत एवं सतर्क रहने की जरुरत है। जांच के दौरान भी एक ऐसा पारदर्शी तंत्र विकसित किया जाए, जिसमें कोई भी घटना से जुड़ी जानकारी समय पर उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुख्यमंत्री कन्या उत्थान के शुभारंभ पर मुझे खुशी हो रही है, इसके लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। साथ ही मुजफ्फरपुर में इस तरह की घटनाओं की शिकार महिलाओं के लिए मन में काफी दुख का भाव है। इन्हीं वेदना भावों के बीच आज मैं उपस्थित हुआ हूँ। समाज के सुधार के कार्यक्रम में एकजुट होकर काम करना पड़ेगा। समाज में कुछ विकृत मानसिकता के लोग हैं। सत्ता, शक्ति प्राप्त होने पर धनोपार्जन, कुकृत्य करने लगते हैं इन सब चीजों के प्रति समाज को सतर्क रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि में जब तक रहूंगा समाज सुधार के काम में लगा रहूंगा। जब तक सरकार में रहूंगा, राज्य में कानून का राज कायम रहेगा। कोई भी दोषी बच नहीं पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है तीनो विभाग आज शुभारंभ हुए इस योजना को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित करेंगे ताकि लाभार्थियों को उचित लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री का स्वागत महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक डॉ एन विजया लक्ष्मी ने पौधा एवं महिला सशक्तीकरण पर आधारित मधुबनी पेंटिंग से बने प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।  मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु तैयार की गयी जागरुकता सामग्रियों यथा- पोस्टर, ब्रोसर, मार्गदर्शिका, लाभार्थी कार्ड, श्रव्य एवं दृश्य सामग्रियों का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या

सुरक्षा योजना से जुड़े एक लाख लाभार्थियों को उनके बैंक खाते में मुख्यमंत्री द्वारा राशि का हस्तांतरण किया गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना के तीन लाभार्थियों को सांकेतिक रूप से मुख्यमंत्री ने चेक भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 2 से 3 वर्ष के 10 लाभार्थियों को चेक प्रदान किया गया। शिक्षा विभाग से जुड़े 10 इंटरमीडिएट पास छात्राओं को भी मुख्यमंत्री ने 10-10 हजार रूपये एवं 10 स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को 25-25 हजार रुपए की राशि का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के समेकित मोबाइल ऐप का भी मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने जेंडर डैसबोर्ड एवं जेंडर रिपोर्ट कार्ड का विमोचन किया। इस साथ ही मुख्यमंत्री ने 7 जिलों- पटना, मुजफ्फरपुर, अरवल, औरंगाबाद, किशनगंज, पूर्णिया एवं सुपौल में नवनिर्मित जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय के भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षामंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा, स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने भी संबोधित किया।

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