मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांडः CBI ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

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पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों से रेप मामले में सीबीआई ने आज पटना हाईकोर्ट में मुहरबंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट जमा की। सीबीआई के वकील ने एक रिपोर्ट सौंपी, जो मामले की जांच में हुई प्रगति और इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधीक्षक जेपी मिश्र के स्थानांतरण से जुड़ी है। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर. शाह और न्यायमूर्ति रवि रंजन की खंडपीठ के समक्ष उक्त रिपोर्ट वकील संजय ने सीबीआई के उपमहानिरीक्षक की मौजूदगी में जमा किया। खंडपीठ ने कल फिर मामले की सुनवाई करेगी।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड से जुड़ी रिपोर्टिंग पर कोर्ट की ओर से रोक लगाये जाने के मुद्दे पर भी पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह ने बयान दिया। उन्होंने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के पीछे तर्क दिया कि इससे आरोपियों को अग्रिम रूप से लाभ मिलने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा, मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के खिलाफ नहीं हूं,  मगर व्यापक जनहित में कभी-कभी रोक लगाने की जरूरत पड़ती है। मामले का मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। आरोपियों को अग्रिम रूप से मीडिया रिपोर्ट से लाभ नहीं पहुंचना चाहिए। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मुजफ्फरपुर कांड में अब तक मीडिया की भूमिका की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि इस केस को जनता के सामने लाने में मीडिया ने अहम भूमिका अदा की। इसकी सराहना करता हूं।

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पालीथीन पर रोक लगाये सरकारः हाईकोर्ट ने सूबे में पॉलीथिन को प्रतिबंधित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। चीफ जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार कानून बना कर पॉलीथिन पर बैन लगाये। जनता को जागरूक करने के लिए मीडिया से सहयोग लेने को भी चीफ जस्टिस ने कहा है।

हाईकोर्ट ने पॉलीथिन से पैदा होनेवाली समस्याओं पर चिंता जतायी। मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कानून बना कर 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथिन (प्लास्टिक थैले) को प्रतिबंधित करने को कहा है। चीफ जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक समेत अन्य मीडिया से सहयोग लेकर जनता को जागरूक करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।

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