मुजफ्फरपुर में आज राहत कार्य का 65वां चरण सम्पन्न हुआ 

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मुजफ्फरपुर में आज डॉ अरुण शाह फाउंडेशन द्वारा स्वास्थय जांच शिविर और राहत कार्य का 65वां चरण संपन्न हुआ। बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी।
मुजफ्फरपुर में आज डॉ अरुण शाह फाउंडेशन द्वारा स्वास्थय जांच शिविर और राहत कार्य का 65वां चरण संपन्न हुआ। बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी।

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर में आज डॉ अरुण शाह फाउंडेशन द्वारा स्वास्थय जांच शिविर और राहत कार्य का 65वां चरण संपन्न हुआ। बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी। डॉ अरुण शाह  फाउंडेशन द्वारा  शहर से  20 किलोमीटर दूर शिवहारा चतुर्भुज मीनापुर प्रखंड  में निःशुल्क शिशु स्वास्थय जांच एवं जागरूकता  शिविर  का आयोजन किया गया। आज के निःशुल्क चिकित्सा  कार्यक्रम में 60 निर्धन परिवारों के बच्चों की निःशुल्क जांच की गयी।

साथ ही शिविर में सभी आवश्यक दवाओं का वितरण भी किया गया। जागरूकता अभियान के तहत बच्चों को कैसे स्वस्थ रखना है और चमकी बुखार से गरमी के मौसम में कैसे बचा कर रखना है,  इस विषय  पर गांव वालों  को डाक्टर अरुण शाह ने समझाया। डॉ शाह ने कहा कि आज भी सुदूर गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का अभाव है। गरीबी, गन्दगी  और बच्चों में कुपोषण ब्यापक है।

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सनद रहे कि हर वर्ष गरमी के महीनों में उत्तर बिहार विशेषकर मुजफ्फरपुर जिला के अनेक गांवों में अति निर्धन परिवार के  सैकड़ों बच्चे  AES (चमकी बुखार) जैसी  घातक  बीमारी की चपेट में आते हैं। यह जागरूकता मुजफ्फरपुर जिले के अभियान पांचों  प्रखंड मीनापुर, मुसहरी, मोतीपुर, बोचहा, काटी के गांव-गांव में ब्यापक रूप से  लगातार ई रिक्शा  से  चलाया जा रहा है, ताकि इस घातक बीमारी की रोकथाम हो सके। इस  जागरूकता अभियान के अन्तर्गत  गांव वालों को निम्नलिखित बातों पर जोर देने को कहा जा रहा हैः

  • घर के अन्दर और बाहर साफ सफाई रखे क्यो कि गन्दगी से ही  बीमारी होती है। 4 से 5 बार पानी और साबुन से हाथ धोना विशेषकर खाने के पहले और शौचालय जाने के बाद जरूरी है। (2) बच्चों को रोजाना घर का बना खाना कम से कम 4 से 5 बार भर पेट  खाने को दें। जैसे दाल, भात,  रोटी और सब्जी  मौसमी फल, ताकि आपका बच्चा कुपोषण का शिकार न हो। (3) बच्चों को भूखे पेट घर से बाहर निकलने नहीं दें। (4) गरमी के मौसम में बाग बगीचा नहीं जाने दें और न बच्चे को कच्चा-पका-सड़ा फल खाने को दें। (5) याद रखें कि अपने  बच्चे को  रात्रि में सोने के पहले घर का बना आहार अवश्य दें। भूखे पेट बच्चे को कभी  सोने न दें। (6) सभी टीकाकरण खासकर मस्तिष्क ज्वर का  2 टीका समयानुसार  उचित अन्तराल पर अपने बच्चे को नजदीक के टीकाकेद्र में  अवश्य दिलायें।

डॉ अरुण शाह ने कहा कि बुखार और चमकी होने पर अविलंब/ बिना देरी के बच्चे को चिकित्सक के पास निकटतम स्वास्थय केंद्र में ले जायें। चमकी बुखार  एक जानलेवा बीमारी  है  और कुपोषण इसका असली कारण है। आज के कार्यक्रम में समाजसेवी झपहा निवासी मनोज कुमार, जीविका कार्यकर्ता, स्थानीय ग्रामीण तथा स्वास्थय कर्मचारियों  का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य  बच्चों में होने वाली गम्भीर बीमारी जैसे चमकी बुखार  और अन्य घातक  बीमारी से होने वाली मौतें में कमी  लाना है।

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