पटना/सीवान। सीवान में बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत काम करने वाली संस्था पुनरुत्थान ने डोमेन विशिष्ट 22 सैक्टरों में कार्यबल तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुनरुत्थान ने राज्य भर की संस्थाओं के बीच नौवाँ स्थान प्राप्त किया है।
इस उपलब्धि के आलोक में संस्था को बिहार के राज्यपाल श्री सत्यपाल मल्लिक ने रविवार को विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर राजधानी पटना में सम्मानित किया। सीवान के ए 2 ज़ेड सर्विस एंड सोल्युशंस की रागिनी कुमारी को सर्वश्रेष्ठ लर्निंग फसिलिटेटर्स की सूची में शामिल किया गया है।
पुनरुत्थान के मुखिया डा0 शिवाकान्त उपाध्याय ने पत्रकारों को बताया कि ऐसे केन्द्रों का सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया में बहुत बड़ा योगदान होता है। डा0 उपाध्याय ने बताया की योग्यता और प्रदर्शन के मापदण्डों पर संस्थाओं का चयन किया गया है। पुरस्कार के लिए न सिर्फ चयनित संस्थाओं को बल्कि लर्नर्स और लर्निंग फसिलिटेटर्स को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई दी।
कौशल व उद्यम विकास वर्तमान सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। नवगठित कौशल व उद्यम विकास मंत्रालय की ”मेक इन इंडिया” अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अभियान भारत को एक विनिर्माण केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने के लिए अहम पहल है। विकासशील अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र समेत सभी क्षेत्रों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करने में इस मंत्रालय की अहम भूमिका है।
युवाओं का बड़ा वर्ग जो कि बेरोजगार है और अल्परोजगार की समस्या से गुजर रहा है कौशल की तलाश में है| इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से श्रीलंका की पहल पर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 11 नवम्बर को विश्व युवा कौशल दिवस घोषित किया जिसका उद्देश्य विश्व पटल पर युवाओं में कौशल को बढावा देना है, ताकि वो रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें।
इस दिशा में उठाये गए सभी उपायों को शामिल करने के लिए एक नयी राष्ट्रीय कौशल व उद्यम विकास नीति भी तैयार की गयी है। इस नीति के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कार्यबल के साथ विकास को बढ़ावा देने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। वर्ष 2022 तक 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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