राजद विधायक की नजर में बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है

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नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।
नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार असेंबली की कल हुई घटना शर्मनाक है। इसके लिए विपक्ष को कोसा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों से बात कर रहे थे।

नीतीश कुमार ही बिहार के सर्वमान्य नेता है

मधुबनी :केवटी(मधुबनी) से राजद विधायक डा फराज फातमी की नजर में बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है वे राजद के विधायक है पर उनका मानना है कि नीतीश कुमार ही बिहार के सर्वमान्य नेता है. इसके साथ ही इनका कहना है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे पर ही वे चुनाव जीते है।

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राजद के चेहरे के सवाल पर उनका कहना है तेजस्वी यादव राजद के नेता हैं पर उन्हें अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. पेशे से चिकित्सक व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र डॉक्टर फराज फातमी बिहार के उन चुनिंदा नेताओ में शामिल है जो बिना लाग लपेट की अपनी बातों को रखते है.डा फराज ने बताया कि वे राजद में है तथा युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं उनका परिवार प्रारंभ से ही सामाजिक न्याय के लिए शोषितो दलितों अकलियतो व समाज के वंचित लोगों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है राजद के संस्थापक सदस्यों में उनके पिताजी भी रहे इस बार के लोकसभा चुनाव में भितरघात के शिकार होने के कारण राजद ने उन्हे उम्मीदवार नहीं बनाया.

पार्टी ने उन्हें मधुबनी से चुनाव लड़ने की तैयारी करने की पूर्व सूचना दे रखी थी बावजूद इसके भीतर घात हुआ फिर भी दल के प्रति उनके पिताजी की निष्ठा बनी रही उल्टे दल ने ही उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया अब फातमी साहब जदयू में शामिल हो चुके हैं पर मैं अभी भी राजद में हूं. दफा सातवीं ने कहा कि अब हालात बदले जनता में जागृति आई लोग थोपे गए नेताओं को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं सरकार चाहे किसी भी दल की हो लोग विकास चाहते हैं उन्होंने कहा कि जब 2015 के विधानसभा चुनाव हो रहे थे उस समय महागठबंधन के चेहरे नीतीश कुमार थे.

राजद कांग्रेस और जदयू के जितने भी विधायक जीते हैं उन सब को नीतीश कुमार के चेहरे का फायदा मिला है बाद के दिनों में महागठबंधन में टूट हुई तो सेकुलर ताकतें बिहार में कमजोर हुई. लालू जी के अनुपस्थिति में राजद में कुछ ऐसे तत्वों का प्रवेश हुआ जिन्होंने राजद के नए युवराज को गलत निर्णय लेने को विवश किया पार्टी के समर्पित और संस्थापक लोगों को दरकिनार कर अनुभवहीन जनाधार विहीन लोगों पर लोकसभा चुनाव मे विश्वास किया गया जिसका खामियाजा पार्टी को करारी पराजय के रूप में झेलनी पड़ी.

डा फराज ने बातचीत के क्रम में बताया कि राजनीतिक संभावनाओं का खेल है और राजनीति में संभावनाएं सदैव जिंदा रहती वह चाहते हैं कि बिहार में फिर से महागठबंधन बने और उसका चेहरा नीतीश कुमार बने अगर ऐसा नहीं होता है तो एनडीए में भी चेहरा नीतीश कुमार ही होने चाहिए राजद छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई मंशा नहीं वे दल के समर्पित कार्यकर्ता हैं पार्टी का जो आदेश होगा वह मानेंगे लेकिन वे जानते हैं कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से चरमरा चुका है पार्टी के वरिष्ठ नेता दरकिनार कर दिए गए हैं जो नए रणनीतिकार हैं उन्हें जमीनी सच्चाई पता नहीं दल को लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद दल के कार्यकर्ता मायूस है.

वह महीने में 20 दिन अपने क्षेत्र में बिताते हैं क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ आती है पर इसका स्थाई निदान अभी तक नहीं खोजा जा सका बाहर से जो बर्बादी होती है उसको पूरा करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं आम आदमी के दुख दर्द में हमेशा सहभागी होते हैं सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा सभी क्षेत्रों में केवटी काफी पिछड़ा हुआ इलाका था उन्होंने अपने स्तर से पूरी ईमानदारी से इलाके के विकास के लिए रोड मैप बनाया था जिस पर काम हो रहा है उन्होंने बताया कि जाति धर्म से ऊपर उठकर क्षेत्र के विकास में लगे हैं अगर विरोधी भी उनके पास कोई कार्य लेकर आते हैं ईमानदारी के साथ उनका भी काम करते हैं जनप्रतिनिधि को जनता के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील होना चाहिए जैसा कि इनका मानना है.

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