सुशील कुमार मोदी ने बताया
- 10 किलो चावल और प्रति परिवार 2 किलो दाल मिलेगी
- शिशु लोन के ससमय भुगतान पर फीसद ब्याज अनुदान
- फुटपाथी दुकानदारों को मिलेगा 10 हजार रुपये का कर्ज
- किसान, पशुपालक व मछुआरों को देंगे केसीसी का लाभ
पटना। राशन कार्ड नहीं है तो घबराने की कोई बात नहीं। बिहार सरकार बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को भी राशन देगी। डिप्टी CM सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत कोरोना संकट में लाक डाउन की वजह से बिहार आ चुके या आने वाले 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को बिना राशन कार्ड के भी दो महीने तक हर माह 5 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बचे हुए किसानों के साथ विशेष अभियान चला कर पशुपालकों व मछुआरों को भी केसीसी का लाभ दिया जायेगा। मुद्रा के तहत शिशु लोन के बकाएदारों द्वारा ऋण की अदायगी पर 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान व 5 हजार करोड़ के विशेष कोष से बिहार के स्ट्रीट वेडर्स को 10 हजार तक ऋण दिया जायेगा।
‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’
मोदी ने कहा कि प्रवासी मजदूर जब भी दूसरे राज्यों में वापस जायेंगे तो वहां भी ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ के तहत वे अनाज का उठाव कर सकेंगे। केन्द्र सरकार की घोषणा के अनुसार उन्हें दूसरे राज्यों में किराए के सस्ते मकान की भी सुविधा मिलेगी। बिहार में 36.73 लाख छोटे-मोटे काम करने वाले गरीबों को मुद्रा के तहत 11,470 करोड़ का लोन दिया गया है। ससमय अगले 12 महीने तक शिशु ऋणधारकों (50 हजार तक कर्ज लेने वाले) द्वारा बकाए के भुगतान पर उन्हें 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा।
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लाक डाउन के कारण प्रभावित हुए बिहार के लाखों फुटपाथी दुकानदारों को भी पैकेज के तहत घाषित 5 हजार करोड़ के फंड से 10 हजार तक का कर्ज दिया जायेगा। बिहार में पीएम किसान निधि से आच्छादित 63 लाख किसानों, जिनमें से काफी किसान केसीसी से वंचित हैं के साथ बिहार के पशुपालकों व मछुआरों को भी विशेष अभियान के तहत केसीसी का लाभ दिया जायेगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने दो लाख करोड़ का प्रावधान किया है।
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