लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना को मिली खुली छूट

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लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना को चीन से निपटने की सरकार ने खुली छूट दे दी है। इसके साथ ही सरहद पर भारतीय सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। प्रतीकात्मक तस्वीर
लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना को चीन से निपटने की सरकार ने खुली छूट दे दी है। इसके साथ ही सरहद पर भारतीय सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली। लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना को चीन से निपटने की सरकार ने खुली छूट दे दी है। इसके साथ ही सरहद पर भारतीय सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। चीन की ओर से भी गहमागहमी बढ़ गयी है। हालांकि चीन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। चीन का आरोप है कि भारतीय सेना लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का उल्लंघन कर उसकी सीमा में प्रवेश किया। उसके बाद ही झड़प की नौबत आई।

इधर देश भर में चीन के खिलाफ गुस्सा उबाल पर है। देश भर में चीनी सामानों को जलाने के साथ चीन पर हमला बोलने की मांग की है। देश ही नहीं, विदेश में भी इस घटना पर चीन के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया आई है। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय का बयान आया है। मंत्रालय ने मंगलवार रात को कहा कि वह भारत और चीनी सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपजी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है।

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एलएसी पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच उपजी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमने नोट किया है कि भारतीय सेना ने घोषणा की है कि 20 जवान शहीद हुए हैं और हम उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। भारत और चीन दोनों ने तनाव कम करने की इच्छा व्यक्त की है और हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। 2 जून, 2020 को राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर हुई वार्ता में भारत-चीन सीमा पर स्थिति पर चर्चा की गई थी।’

इस बीच राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री पूरे घटनाक्रम पर मौन साधे हुए हैं। देश उनकी बात सुनने का इंतजार है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री जी, चुप क्यों हैं। हमारे 20 जवान शहीद हो गये हैं। देश आपकी प्रतिक्रिया जानना चाहता है। आप बाहर आयें और देश को बतायें कि सरकार इस घटना के बाद क्या कदम उठा रही है।

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