पटना। लाकडाउन-2 में बिहार के 6 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिला। लाकडाउन-2 में मजदूरों को रोजगार देने में बिहार का प्रदर्शन काफी उत्साहवर्धक रहा। 6 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 7971 पंचायतों में मनरेगा के तहत 6 लाख से ज्यादा मजदूरों को काम इस दौरान मिला।
उन्होंने बताया कि 24,500 करोड़ के जल-जीवन-हरियाली मिशन से संबंधित 21 हजार योजनाओं में आज दो लाख गरीबों को काम मिल रहा है, जबकि राजद ने इस मिशन का विरोध किया था। जो लोग अपने राज में पशुओं का चारा और सड़क निर्माण सामग्री (अलकतरा) खरीदने तक में करोड़ों रुपये का घोटाला करते पकड़े गये, उन्हें भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली एनडीए सरकार के विकास कार्यों में केवल घोटाला दिखता है, गरीब का कल्याण नहीं।
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मोदी ने कहा कि लाक डाउन में फंसे छात्रों-मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से वापस लाने पर किसी से किराया नहीं लिया जा रहा है, बल्कि सबको उनके प्रखंड मुख्यालय तक सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है। जिनका किराया लगा है, उन्हें पैसे दिये जाएंगे। सरकार ने घर वापस लौटने वाले सभी मजदूरों को पांच-पांच सौ रुपये अतिरिक्त देने का भी फैसला किया है।
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उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन्हें इस कठिन समय में मजदूरों के लिए कुछ नहीं करना है, वे कभी दो हजार बसें भेजने को उतावले दिखते हैं, तो कभी 50 ट्रेनों का किराया भरने के लिए थैली दिखाने लगते हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दो हजार बसें भेजने की बात कही थी, जबकि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 50 ट्रेनों का किराया देने की इच्छा जतायी थी।
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