पटना। लाक डाउन में मेडिकल, पुलिस, स्वीपर व बैंकर्स की भूमिका की उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सराहना की है। मोदी ने कहा कि कठिन वक्त में इनका काम सराहनीय है। मुख्य सचिवालय स्थित अपने कक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एसबीआई, प्रमुख व्यावसायिक व ग्रामीण बैंकों तथा आरबीआई और नाबार्ड के आलाधिकारियों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने चिकित्सा, पुलिस व सफाईकर्मियों के साथ बैंक कर्मियों की भूमिका को भी सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस संकटपूर्ण समय में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा घोषित 8 हजार करोड़ से ज्यादा की राहत राशि का वितरण कर बैंक गरीबों की सेवा कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि राज्य में 17 हजार से ज्यादा बैंक मित्र हैं जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक सेवा केन्द्रों के माध्यम से राहत पैकेज की राशि का वितरण कर रहे हैं। बैंकों ने बताया कि प्रति ग्राहक सेवा केन्द्र मास्क, गल्बस व परिसर को स्वच्छ रखने के लिए दो हजार रुपये के साथ बैंक मित्रों को कमीशन के अलावा प्रतिदिन 100 रुपये परिवहन भत्ता, प्रति ट्रांजेक्शन 2 रुपये और उन्हें बीमा कवच भी प्रदान किया गया है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को भीड़ नियंत्रित करने में बैंकों को सहयोग करने का निर्देश दिया है। बैंक व सरकार ने असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाए गए उस अफवाह का खंडन किया है कि राशि नहीं निकाली गयी तो वापस हो जाएगी। लाभुक धैर्य रखें व बारी-बारी से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अपनी राशि की निकासी करें। बैंकों से कहा गया कि वे बैंक,एटीएम व ग्राहक सेवा केन्द्रों में सैनेटाइजर रखें व स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का ग्राहकों से पालन कराएं।
उन्होंने कहा कि लाक डाउन का दूसरा चरण खत्म होने पर आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए रिजर्व बैंक ने जो उपाय घोषित किये, वे उत्साह बढ़ाने वाले हैं। राज्यों के Ways & Means की सीमा 30 से 60 प्रतिशत तक बढ़ाने और रेपो रेट में कटौती करने से बैंक ज्यादा कर्ज दे सकेंगे और नकदी की कमी दूर होगी। नाबार्ड को 25 हजार करोड़, नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ और सिडबी को 15 हजार करोड़ देने से निर्माण सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। रिजर्व बैंक की ताजा खुराक छोटे व्यापारियों, किसानों और दैनिक मजदूरों के लिए फायदेमंद होगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण, लाक डाउन और बचाव के लिए किये गए सरकार के बहुआयामी प्रयास को लेकर कांग्रेस-राजद जैसे दलों का नजरि़या साफ नहीं है। अमेरिका-इटली की हालत देखने के बावजूद सोनिया गांधी ने लाक डाउन को जल्दबाजी में किया गया फैसला कहा। अब राहुल गांधी कम टेस्ट होने की शिकायत कर रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि जापान में कोरोना का एक मरीज ढूंढने के लिए केवल 11.7 टेस्ट, इटली में 6.7 और अमेरिका में 5.3 टेस्ट होते हैं, जबकि भारत में 24 टेस्ट कराये गए। इस मुश्किल दौर में आरोप-प्रत्यारोप के बजाय गरीबों की मदद पर सबको ध्यान देना चाहिए।
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