लॉक डाउन के बाद डाकिया ले जाएगा टीबी मरीजों का सैंपल

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लॉक डाउन खत्म होने के बाद डाकिया टीबी मरीजों का सैंपल ले जाएगा। टीबी के खात्मे के संकल्प को तय समय से पहले पूरा करने को लेकर कई कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं।
लॉक डाउन खत्म होने के बाद डाकिया टीबी मरीजों का सैंपल ले जाएगा। टीबी के खात्मे के संकल्प को तय समय से पहले पूरा करने को लेकर कई कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं।
  •  राज्य क्षय रोग और भारतीय डाक विभाग में हुआ करार
  • इस व्यवस्था का देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश
  • वाराणसी सहित सभी जिलों में डाकिये पहुंचाएंगे टीबी मरीजों के सैम्पल
  • नई व्यवस्था से टीबी रोगियों की पहचान और इलाज में आएगी तेजी

वाराणसी। लॉक डाउन खत्म होने के बाद डाकिया टीबी मरीजों का सैंपल ले जाएगा। टीबी के खात्मे के संकल्प को तय समय से पहले पूरा करने को लेकर कई कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन 2025 तक देश से क्षय रोग यानी टीबी के खात्मे के संकल्प को पूरा करने के लिए कई नई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किये जा रहे हैं। इसी क्रम में बीते वृहस्पतिवार को स्वास्थ्य भवन, उत्तर प्रदेश में राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में विधिवत एक करार हुआ, जिसके तहत पहली मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैम्पल लैब तक पहुँचाने का काम अब डाकिया के जरिये होगा।

इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को मुख्य डाकपाल अधिकारी कैंट पोस्ट ऑफिस और जिला क्षय रोग विभाग के बीच समन्वय बैठक की गयी। बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि इस व्यवस्था को एक निश्चित समय यानि लॉक डाउन के बाद सभी प्रक्रिया पूरी करते हुये शुरू किया जाएगा। उन्होने बताया कि इस व्यवस्था के लिए प्रत्येक स्तर पर समस्त कार्रवाई पूर्ण करके डाक द्वारा सैंपलिंग भेजने के कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इससे पहले यह सैम्पल कोरियर द्वारा भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज शूरू होने में विलम्ब होता जाता था। अब डाकिया के माध्यम से होगा। इस करार के साथ ही उत्तर प्रदेश इस नई व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रुकुम केस की उपस्थिति में इस करार पर राज्य क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ संतोष गुप्ता और डाक विभाग के सहायक निदेशक (पीडी) ओम प्रकाश ने हस्ताक्षर किये। इस करार के मुताबिक प्रदेश के करीब 2300 अधिकृत टीबी जाँच केन्द्रों (डीएसटी) से 24 घंटे के अन्दर 142 सीबीनाट मशीन सेंटर तक सैम्पल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा। इसके साथ ही 142 सीबीनाट मशीन सेंटर से प्रदेश के आठ जिलों (लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा) में स्थित ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक 48 घंटे के अन्दर सैम्पल पहुंचाने का काम करेगा।* ज्ञात हो कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, आगरा, बदायूं और चंदौली जिले में पहले चरण में यह कार्यक्रम चलाया गया था। उस दौरान मिली सफलता के आधार पर अब पहली मई से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में मूर्त रूप लेने जा रही है ।

इस अवसर पर डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि टीबी मरीजों के मामले में सबसे बड़ी चुनौती जल्द से जल्द जाँच कराने की होती है क्योंकि एक टीबी मरीज अनजाने में न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस करार के बाद सैम्पल की जाँच में तेजी आएगी और जाँच रिपोर्ट आते ही जल्द से जल्द उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा। इससे संक्रमण का खतरा कम रहेगा। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा विश्व क्षय रोग दिवस यानि 24 मार्च को तय हो गयी थी, जिसे अब विधिवत मूर्त रूप दे दिया गया है।

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