@ Harendra Shukla
वाराणसी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी में 13 वीं बार दो दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान हजारों करोड़ की परियोजनाओं का उन्होने लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम की स्वागत में उन्हें ठहरने से लेकर गुजरने वाले राहों को प्रशासन की ओर से खूब चमकाया और सजाया भी गया था। यह अच्छी बात है कि कम से कम जहां जहां पीएम गये उन इलाकों का जर्जर मार्गो से कुछ दिन के लिए ही सही लोगों को राहत मिला। अब आपको लिए चलते हैं महामना की महानकृति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर।
नगर की बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने वाले पीएम के संसदीय क्षेत्र के नगर निगम की कारस्तानी पर भी नजर दौडाते है। दोनों हाथों से फर्जी डेटा के बल पर स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त करने वाला नगर निगम बीएचयू की दीवारों को बदरंग कर दिया है। जिसकी भी नजर दीवारों पर जा रही है वह बरबस यही कहते सुना जा रहा हैं कि बीएचयू में नगर निगम का कार्यालय खोल दिया गया क्या?
नगर की साफ-सफाई में फिसड्डी नगर निगम के अधिकारियों ने अपना नंबर ठीक करने के लिए कानून का भी हद पार कर दिया है। बीएचयू ट्रांमा सेंटर मोड से नरिया तिराहे तक नगर निगम ने बीएचयू की दीवारों पर सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का नाम और चित्रकारी करके बीएचयू के अस्तित्व पर ही सवाल खडा कर दिया है। किसी भी संस्था और व्यक्ति के मकान या उसके दीवार बिना उसके अनुमति के कानूनन ट्रेसपास का मामला सीधा सीधा बनता है।
सूत्रों की माने तो दीवारों पर चित्रकारी करने के लिए नगर निगम की ओर से वैद्यानिक रुप से बीएचयू प्रशासन से अनुमति नहीं लिया है। यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। अब देखना है कि बीएचयू प्रशासन चित्रकारी से बीएचयू की पहचान मिटाने का प्रयास कर दीवारों को बदरंग करने वाले नगर निगम के मेयर सहित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध क्या एक्शन लेता है।
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