शरद पूर्णिमा इस साल 13 अक्टूबर को है। मनोकामना की पूर्ति के लिए जातक राशि के अनुरूप उपाय करने से मनोकामना सिद्धि हो सकती है। आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से शरद ऋतु का आरंभ भी माना गया है। शारदीय पूर्णिमा को चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ अपनी शीतलता पृथ्वी पर प्रसारित करता है। इसी दिन धन की देवी माता लक्ष्मी चंद्रलोक से पृथ्वी पर आती हैं।
यह पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमाओं में सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में औषधीय गुण मौजूद रहते हैं, जिनमें कई असाध्य रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है। प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण भगवान कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था।
कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री के अनुसार शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर दिन रविवार को महालक्ष्मी योग में मनायी जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरे 30 वर्षों के बाद ये दुर्लभ योग बन रहा है। यह शुभ योग चंद्रमा और मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से बन रहा है। शरद पूर्णिमा पर शुभ योग के बनने से इस पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन संध्या में माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना करने से सुख-समृद्धि, धन लाभ एवं ऐश्वर्य में वृद्धि होती हैं। कल शरद पूर्णिमा पर स्वास्थ्य के साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने के योग बन रहे हैं।
ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि संबंध से बना महालक्ष्मी व गजकेसरी योग
ज्योतिषी झा ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन मीन राशि में चंद्रमा और कन्या राशि में मंगल रहेगा। इस तरह दोनों ग्रह एक दूसरे के ठीक आमने-सामने होंगे। वही हस्त नक्षत्र में भी मंगल रहेगा, जो चंद्रमा के स्वामित्व वाला नक्षत्र है। ऐसा संयोग व ग्रहों की ऐसी स्थिति पूरे 30 वर्ष साल पहले बनी थी। चन्द्र-मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से महालक्ष्मी योग बन रहा है। कल ही चन्द्र पर गुरु वृहस्पति की दृष्टि पड़ने से गजकेसरी योग भी बन रहा है। इस महायोग के बनने से शरद पूर्णिमा के दिन खरीदारी और नए काम आरंभ करना शुभकर होगा। इस शुभ संयोग में धन लाभ होने की संभावना और बढ़ जाएगी। इस दिन किए गए काम लंबे समय तक लाभ देने वाला होगा।
चन्द्र की किरणें बरसाएंगी अमृत
पंडित झा ने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की सोममय रश्मियां पेड़-पौधों और वनस्पतियों पर पड़ने से उनमें भी अमृत का संचार हो जाता है। रात में चन्द्र की किरणों से जो अमृत वर्षा होती है, उसके फलस्वरूप घरों की छतों पर रखा खीर अमृत सामान हो जाती है। उसमें चंद्रमा से जनित दोष शांति और आरोग्य प्रदान करने की क्षमता आ जाती है। यह प्रसाद ग्रहण करने से प्राणी को मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। चंद्र की पीड़ा के कारण जातक को कफ, खांसी, सर्दी-जुकाम, अस्थमा, फेफड़ों और श्वांस के रोग संबंधी परेशानियां रहती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्र का अवलोकन व आराधना तथा शीतल खीर का प्रसाद ग्रहण करने से इन रोगों से मुक्ति मिलती है। जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगता हो, वे इस दिन चन्द्र यन्त्र धारण करके परीक्षा या प्रतियोगिता में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा के शुभ मुहूर्त
निशीथ काल:– संध्या 05:46 बजे से रात्रि 11:55 बजे तक
स्थिर लग्न:– शाम 06:38 बजे से 07:22 बजे तक
मनोकामना पूर्ति के लिए राशि के विहित करे ये उपाय
मेष: शरद पूर्णिमा के दिन कन्याओं को खीर खिलाएं और चावल को दूध में धोकर बहते हुए जल में प्रवाह कर दें I ऐसा करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी I
वृष: वृष राशि वाले शरद पूर्णिमा के दिन दही और गाय का घी मंदिर में दान करे, ऐसा करने से इस जातक को समस्त भौतिक सुख-सुविधाएं में वृद्धि होगी।
मिथुन: इस राशि के जातक को शरद पूर्णिमा के दिन दूध और चावल का दान करना चाहिए I ऐसा करने से इस राशि वालों की व्यापार तथा कार्य क्षेत्र में लाभ के साथ साथ उन्नति के मार्ग भी खुलेंगे।
कर्कः इस राशि के जातक शरद पूर्णिमा के दिन मिश्री मिला हुआ दूध मंदिर या गरीबो में दान करे, इससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा।
सिंहः शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर में गुड़ का दान करें, ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में वृद्धि के आसार होंगे।
कन्याः कन्या राशि वाले शरद पूर्णिमा के दिन कन्याओं को खीर खिलाने से विशिष्ट धन लाभ एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
तुलाः इस राशि के जातको को इस शरद पूर्णिमा के दिन दूध, चावल व घी का दान करना चाहिए। इससे धन, ऐश्वर्य तथा सौभाग्य बढ़ेगा।
वृश्चिकः शरद पूर्णिमा के दिन मंगल देव से संबंधित वस्तुओं तथा कन्याओं को दूध व चांदी का दान दें, ऐसा करने से जातको को समस्त कष्ट दूर से मुक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होगी I
धनुः धनु राशि वालो को इस दिन चने की दाल और पीले कपड़े कन्याओं या गरीबों को दान दें। ऐसा करने से आपके समस्त कष्ट दूर हो होंगे।
मकरः शरद पूर्णिमा के दिन बहते पानी में चावल प्रवाहित करें। इससे समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
कुंभः कुंभ राशि के जातक शरद पूर्णिमा के दिन दृष्टिहीनों या कुष्ट रोगी को अन्न का दान करें। इससे सभी सरकारी कार्य में रुकावट दूर होगी, साथ ही शारीरिक कष्ट भी दूर होंगे।
मीनः मीन राशि के जातक इस शरद पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को भोजन करायें, इससे सुख, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है।
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