छपरा। सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र के जयप्रभा सेतु पर शराबी पति से तंग आकर एक महिला ने अपने दो मासूम बच्चों को सरयू नदी में फेंक कर मार डाला। महिला अपनी सात साल की एक अन्य बेटी के साथ खुद भी जान देने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसे बचा लिया गया।
पड़ोस के लोगों का कहना है कि मांझी थाना के झखड़ा गांव निवासी अमरजीत राम की पत्नी मनोरमा ने शराबी पति की पिटाई और शराबी ससुर की प्रताड़ना से तंग आकर ऐसा कदम उठाया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मनोरमा ने पहले डेढ़ साल के प्रिंस को सरयू नदी में फेंका। उसके बाद पांच वर्षीय पुत्री निशा को भी नदी में फेंकने के बाद तीसरी बेटी सात वर्षीय अर्चना को साथ लेकर नदी में कूदने वाली थी, तभी बोलेरो पर सवार बलिया से छपरा की ओर लौट रहे मानवाधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर विश्वकर्मा शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ महिला को पकड़ कर कूदने से बचा लिया।
नदी में डूबे दोनों बच्चों को बचाने के लिए मछुआरों ने काफी प्रयास किया, पर किसी का पता नही चल सका। इस बीच काफी संख्या में लोग भी जुट गये और महिला की पिटाई करने लगे, लेकिन डॉक्टर ने भीड़ से किसी तरह उसे बचा कर पुलिस के हवाले कर दिया।
महिला ने बताया कि ग्यारह वर्षों से वह अपने शराबी पति व ससुर की प्रताड़ना से तंग आ चुकी थी। वह अपने मायके सिताब दियारा के आलेख टोला निवासी ललन राम के घर जा रही थी। इस बीच उसका मन बदल गया और उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया।
महिला मनोरमा देवी के विरुद्ध स्थानीय थाना में अपने बेटे तथा बेटी की हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है। वहीं महिला के बयान पर अपने पति, सास तथा ससुर के विरुद्ध प्रताड़ना का मामला दर्ज किया जा रहा है। सात वर्षीय बच्ची अर्चना कुमारी को उसके मामा के हवाले कर दिया गया है।
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