शस्त्र लाइसेंस के लिए 60 दिनों में हां या ना में बताना होगा

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शस्त्र लाइसेंस का मामला कोर्ट पहुंचने के बाद गृह विभाग ने जारी की गाइडलाइन

पटना। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अब शस्त्र लाइसेंसों के आवेदनों के निस्तारण में मनमानी नहीं कर सकेंगे। मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद गृह विभाग हरकत में आ गया है। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के आधार पर राज्य के सभी डीएम और एसएएसपी-एसपी को पत्र जारी कर दिया गया है। अब ये अधिकारी आवेदनों को लंबित नहीं रख सकेंगे। डीएम को 60 दिन के अंदर लिखित में आवेदक को अवगत करना होगा कि उनका शस्त्र लाइसेंस बनेगा या नहीं।

शस्त्र लाइसेंस को लेकर आयुध नियम 16 शस्त्र अनुज्ञप्ति की स्वीकृति संबंधी नियम 13 एवं नियम 14 राज्य में लागू है। इसके अनुपालन के लिये गृह विभाग ने 21 फरवरी 17 को सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। बावजूद इसके अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इसके कारण पटना हाईकोर्ट में लगातार याचिकाएं दायर की जा रही थीं।

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हाल ही में 24 जुलाई को प्रवीण कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है। इसी आदेश के प्रभावी अंश को संलग्न करते हुए गृह विभाग के संयुक्त सचिव रंजन कुमार सिन्हा ने सभी जिला दंडाधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट आदेश है कि अधिकारी शस्त्र लाइसेंस में आयुध नियम 16 शस्त्र अनुज्ञप्ति की स्वीकृति संबंधी नियम 13 एवं नियम 14 का समय और दृढ़ता के साथ पालन करें।

अधिकारी कर रहे थे मनमानीः मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि आयुध नियम 16 शस्त्र अनुज्ञप्ति की स्वीकृति संबंधी नियम 13 एवं नियम 14 का पालन करने में कोताही बरती जा रही थी। लाइसेंस प्राधिकारी ने आवेदन को लंबित रखा। नियम 13 के तहत थानेदार को आवेदन मिलने के 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होती है। लाइसेंस प्राधिकारी को आवेदन के 60 में लिखित में यह बताना होता है कि शस्त्र लाइसेंस बनेगा कि नहीं। कोर्ट ने पाया कि डीएम और एसएसपी कार्यालय में आवेदनों की प्राथमिकता तक तय नहीं की जा रही।

 

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