पटना। शिक्षा, संपत्ति और सत्ता में महिलाओं को बराबरी मिले, तभी महिलाएं वास्तव में सशक्त होंगी। यह बात राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कही। भाजपा के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ विभाग की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां शक्ति, शिक्षा व संपत्ति की प्रतीक देवियां दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी हैं, परंतु आज महिलाएं ही सबसे ज्यादा अबला और शिक्षा से वंचित है। तब तक महिलाओं के सम्मान का कोई मतलब नहीं है, जब तक कि उन्हें शिक्षा, संपत्ति और सत्ता में बराबरी का अधिकार नहीं मिल जाता है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब महिलाओं को सम्मान व प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से मिला है।
मोदी ने कहा कि आज देश के 6 राज्यों की राज्यपाल महिलाएं हैं। एक महिला देश की वित्त मंत्री हैं। देश में अब तक खुले 42 करोड़ जनधन खातों में 27 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। केंद्र की सरकार ने देश की 8 करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिया है। मुद्रा योजना के तहत देश के 7.88 करोड़ महिलाओं को लोन देने के साथ ही महिलाओं के मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दिया गया है। मुस्लिम महिलाओं को केवल तीन तालाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति नहीं दिलाई गई है, बल्कि कानून में संशोधन कर पुरुषों के बिना उन्हें हज पर जाने की सुविधा भी दी गई है।
बिहार देश का पहला राज्य है, जहां एनडीए की सरकार ने पहली बार महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। आज पुलिस में 23 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं। इंटर उत्तीर्ण अविवाहित लड़कियों को 25 हजार व स्नातक पास करने वाली को 50 हजार रुपये देने का प्रावधान कर उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया है।