रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि काॅपरेटिव फेडरलिज्म के तहत केन्द्र और सभी राज्य एक टीम इंडिया के रूप में न्यू इण्डिया का निर्माण कर रहे हैं। इसी क्रम में नीति आयोग की यह बैठक महत्वपूर्ण है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण झारखंड अन्य राज्यों की तुलना में विकास की दौड़ में काफी पीछे छूट गया था। दिसंबर 2014 में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने के बाद राज्य में विकास को गति मिली है। नीतियां बनीं, उनका क्रियान्वयन हुआ। योजनाएं बनीं, धरातल पर उतर रही हैं, उनकी मॉनिटरिंग हो रही है। इनके नतीजें देखने को मिल रहा है। विशेष परिस्थिति में झारखंड को कृषि, सिंचाई और रेल-सड़क आदि के क्षेत्र में अतिरिक्त सहायता की जरूरत है। केन्द्र से समन्वय बनाने में नीति आयोग हमारी मदद कर सकता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड मंत्रालय में नीति आयोग के अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगारपरक छोटे एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। बड़े-बड़े उद्योगों को मिलनेवाली सब्सिडी और आसान ऋण की व्यवस्था के तर्ज पर लघु, कुटीर और ग्रामोद्योग को सहायता मिलनी चाहिए। इससे गांव-गांव में उद्योगों का जाल फैलेगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। कारीगरों को आधुनिक यंत्र व सब्सिडी मिलने से उनकी आय में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर हाथ में काम और हर खेत को पानी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। भारत सरकार के मंत्रालय को नीति आयोग अनुशंसा करें, राज्य सरकार उसका फालोअप कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले वे राज्य के वित्त मंत्री रह चुके हैं। उस दौर में योजना आयोग होता था। उस समय राज्यों को मदद के लिए दिल्ली तक दौड़ लगानी पड़ती थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग का गठन कर को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की तरफ देश को ले जाने का काम किया है। अब नीति आयोग की टीम राज्यों का दौरा कर उनकी जरूरतें और उपलब्धियां जान रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर टीम इंडिया के रूप में काम कर रहे हैं। झारखंड में साढ़े तीन वर्षों में हुए विकास कार्यों को नीति आयोग से भी सराहना मिली है। हमने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार किया है। आनेवाले दिनों में और सकारात्मक नतीजे सामने आयेंगे। आदिवासी बहुल राज्य होने के कारण हमारे यहां रोजगार के रूप में कृषि-पशुपालन आय का प्रमुख स्रोत रहा है। इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में यह मददगार साबित होगा। मीठी क्रांति के लिए झारखंड उपयुक्त स्थान है। राज्य सरकार को मधुमक्खी पालन के बॉक्स मिल जाये, तो बड़ी संख्या में किसानों को इससे जोड़ा जा सकता है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार ने झारखंड में हो रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है। बहुत कम समय में झारखण्ड ने उपलब्धियां हासिल की हैं। स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से झारखण्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां कृषि सिंगल विंडो सिस्टम और डिस्ट्रीक माइनिंग फंड का उपयोग पाइपलाइन जलापूर्ति में किया जाना देश के लिए रोल मॉडल है। राज्य के टेक्सटाईल पाॅलिसी देश की सबसे अच्छी पाॅलिसी में से एक है। महिलाओं की कृषि, स्वयं सहायता समूह, महिला उद्यमी बोर्ड, आदि में बेहतर भूमिका भी राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय है। माइनिंग के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि बड़ी माइनिंग कंपनियों के साथ मिलकर काम करें।* इससे नयी तकनीकी आने के साथ इंवायरंमेंटल माइनिंग को बढ़ावा मिलेगा। झारखंड में एक्सपोर्ट या निर्यात विभाग बनाने की जरूरत है। इससे राज्य को काफी लाभ होगा। नीति आयोग विकास में मददगार है, राज्य ज्यादा से ज्यादा इसका लाभ उठाये।
बैठक में कृषि व सिंचाई, स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, पेयजल व स्वच्छता, कल्याण, ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी। राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में शामिल हजारीबाग जिले में किये जा रहे कार्यों की एक विशेष प्रस्तुति के माध्यम से जानकारी दी गयी। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चंद, मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त श्री डीके तिवारी, नीति आयोग के अपर सचिव श्री यदुवेंद्र माथुर, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विभिन्न विभागों को प्रधान सचिव, पीसीसीएफ श्री संजय कुमार, सचिवगण, हजारीबाग के उपायुक्त समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।