समस्तीपुर (प्रमोद प्रभाकर)। सेवा को अपने जीवन का अंग मान कर स्वीटी प्रिया व राम सेवक सिंह की जोड़ी ने अपने गार्हस्थ जीवन के साथ समाज सेवा का भी बीड़ा उठा लिया है। यह जोड़ी न सिर्फ गरीबों की बेटियों की शादी में मददगार होती है, बल्कि अंतिम वक्त भी गरीबों का साथ देती है। मसलन उनका दाह-संस्कार भी यह युगल कराता है। गरीबों की अर्थी को कांधा देने में भी ये पीछे नहीं रहते।
सेवा को अपनी जिंदगी की साधना बनाने वाले स्वीटी प्रिया और राम सेवक सिंह की जोड़ी ने समाज सेवा में अपनी पहचान बना ली है। निहस्वार्थ भाव से समाज के अंतिम पायदान के लोगों के हर सुख-दुख में भागीदार बनकर यह जोड़ी सेवा के पवित्र कार्य में स्वयं की आहुति दे रही है। 1990 के दशक में पहुँच जैसी छोटी पत्रिका से अपने पत्रकारिता जीवन का श्रीगणेश करनेवाले राम सेवक सिंह ने अपनी धारदार कलम के सहारे पटना से प्रकाशित समाचार पत्रों से भी जुड़े रहे हैं। लोगों की तकलीफों को अखबारों में लिखते-लिखते इनके मन में गरीबों की सेवा का ख्याल आया।
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दलसिंहसराय शहर से सटे गोसपुर रोड में एक निर्धन परिवार में इनका जन्म हुआ। बचपन में ही पिता के गुजरने के कारण इन्हें सदैव गरीबी का एहसास बना रहा। पारिवारिक स्थिति ठीकठाक नहीं होने के बाबजूद इनकी शिक्षा-दीक्षा राजधानी के पटना विश्वविद्यालय में हुई। शिक्षा पूर्ण कर समाज सेवा के उद्देश्य से इन्होंने पत्रकारिता का चयन किया। वहीं शिक्षा के प्रति ललक होने के कारण अपने गाँव में ही एक शिक्षण संस्थान स्थापित किया। किसी भी पुरुष की सफलता के पीछे अर्द्धांगिनी की अहम भूमिका होती है। वर्ष 2007 में राम सेवक सिंह सहरसा की स्वीटी प्रिया के साथ वैवाहिक बंधन में बंधे।
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सुशिक्षित कुशल गृहिणी स्वीटी प्रिया की शिक्षा-दीक्षा बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय एवं मिथिला विश्वविद्यालय से हुई। स्वीटी प्रिया-राम सेवक की जोड़ी ने मार्च 2017 में रालोसपा का दामन थामकर अपने राजनीतिक कैरियर का आगाज कर दिया है। रालोसपा ने राम सेवक सिंह को सर्वप्रथम प्रदेश सचिव पद की जिम्मेवारी से नवाजा। इनकी राजनीतिक ललक और संगठनकर्ता के रूप में पार्टी में संगठन विस्तार की गति प्रदान करने की कार्यक्षमता को देखते हुए प्रदेश महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया। दूसरी ओर स्वीटी प्रिया रालोसपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी को गति दे रही हैं।
हाल ही में इनके कंधों पर अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के बिहार प्रदेश महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी भी आयी है। दोनों जिम्मेवारियों का निर्वाह करने में ये सफल हो रही हैं। आम जनों के सुख-दुख में भागीदार बने दोनों की जोड़ी हर स्थिति में अपने को समाज सेवा में समर्पित किये हुए है। अग्निपीड़ितों के चीत्कार, सड़क दुर्घटना अथवा असामयिक मौत जैसी विपदा में लोगों के आँसू ही ये नहीं पोछते हैं, बल्कि लाशों को कंधा देने से भी नहीं चूक रहे हैं। हर पर्व-त्योहार में गरीब गुरबों के बीच पहुंच कर उनके बीच धोती-साड़ी, कम्बल, चूड़ा, गुड़, मोमबत्ती पैकेट, बर्तन सहित आर्थिक सहायता से ये गुरेज नहीं करते हैं। गरीब गुरबों के छोटे-छोटे बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगाने के लिए कई पंचायतों में प्रतियोगी नवोदय की गाइड निःशुल्क वितरित करवा चुके हैं।
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पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कई सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलवा रहे हैं। शादी और श्राद्ध दोनों में समाज के आग उपस्थिति दर्ज कराना भी इन दोनों की दिनचर्या बन गयी है।