सीमा पर शहीद हो गया सीवान का एक सपूत अमरजीत

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शहीद अमरजीत के पैत्रिक आवास पर जुटी गांव वालों की भीड़
शहीद अमरजीत के पैत्रिक आवास पर जुटी गांव वालों की भीड़

सीवान। सीमा पर शहीद हो गया सीवान का एक सपूत। सीवान के रघुनाथपुर प्रखंड के दिघवलिया के रहने वाले अमरजीत सोमवार को कश्मीर के फुलवामा में आतंकियों का शिकार बने। दिघवलिया निवासी उसके चाचा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कश्मीर में आर्मी आरआर बटालियन 44 में उनका भतीजा अमरजीत सिंह कार्यरत था।

अमरजीत ने 2000 में मैट्रिक पास करने के बाद छपरा में बीए तक की पढ़ाई की। 2005 वह आर्मी में बहाल हुए। सोमवार की शाम गश्ती के दौरान पुलवामा साइट श्रीनगर से कनवाय  जा रहा थे। तभी 44 रास्ट्रीय राइफल के टीम पर आतंकवादियों  ने हमला कर दिया। उसके बाद अमरजीत ने वहीं दम तोड़ दिया।

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चाचा संतोष ने कहा कि अमरजीत की शिक्षा टारी पंचायत अन्तर्गत किसान मजदूर उच्च विद्यालय से हुई, जहां से उसने मैट्रिक की परीक्षा पास की। छपरा जगदम काँलेज से उसने बीए तक की पढ़ाई की। फिर फौज में बहाली हुई थी। फौजी का 2007 में  शादी हिन्दू रिवाज से शोभा देवी से हुई थी। इनके दो पुत्र आर्यन कुमार व अनुज कुमार  हैं।

संतोष सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई शंकर सिह सेवा निवृत्त होने के बाद लखनऊ में पूरे परिवार के साथ रहते हैं। अमरजीत की पत्नी शोभा देवी व दोनों बच्चे भी वहीं रहते हैं। जैसे ही गांव के लोगों को पता चला तो खबर आग से भी तेज पूरे गांव में फैल गयी। गांव के लोग शोक में डूब गये।

12 जून को ही अमरजीत अपने गांव दिघवालिया से जम्मू गए थे और जाते हुए आपने चाचा संतोष सिंह से कहा था कि बाकी का जो काम है, वह अगली छुटी में पूरा करायेंगे। घटना की सूचना मिलते ही गांव के किसी घर में चूल्हा नहीं जला। लोग बताते हैं कि अमरजीत बहुत ही मिलनसार लड़का था। हाल ही में हल्दवानी से उसकी पोस्टिंग कश्मीर में हुई थी। शहीद के पिता शंकर सिंह सेन्ट्रल मिलिट्री पुलिस से सेवानिवृत्त हुए थे। शहीद अमरजीत का छोटा भाई भी है आर्मी में है।

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