सुशील मोदी ने कहा- बिहार में मसूर दाल की हो सकती है किल्लत

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सुशील मोदी ने लोगों को आगाह किया है कि बिहार में मसूर दाल की किल्लत हो सकती है।आयात होकर बंगाल के बंदरगाह से मसूर दाल आती है।
सुशील मोदी ने लोगों को आगाह किया है कि बिहार में मसूर दाल की किल्लत हो सकती है।आयात होकर बंगाल के बंदरगाह से मसूर दाल आती है।

पटना। सुशील मोदी ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि बिहार में मसूर दाल की किल्लत हो सकती है।आयात होकर बंगाल के बंदरगाह से मसूर दाल आती है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार राज्य खाद्यान्न व्यावसायी संघ के सभी जिलों के प्रतिनिधियों से बातें कर कोरोना संकट के दौरान राज्य में खाद्यान्न व अन्य आवश्यक उपभोक्ता सामानों की उपलब्धता की जानकारी ली। व्यापारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता बंदरगाह से आयातित एक लाख मेट्रिक टन मसूर दाल को बिहार आने से रोके जाने के कारण आने वाले दिनों में दाल की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। श्री मोदी ने व्यावसायियों को चेताते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में खाद्यान्न की जमाखोरी व कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

व्यापारियों ने श्री मोदी को जानकारी दी कि बड़ी मात्रा में दाल मध्यप्रदेश के सतना व कटनी से तथा सरसों तेल यूपी के आगरा व राजस्थान के अलवर से आते हैं। व्यापारियों ने आगाह किया कि मध्यप्रदेश में अभी दलहन की कटनी पूरी नहीं होने तथा दाल मिलों के सुचारू नहीं रहने व लाक डाउन के कारण ट्रकों की आवाजाही में बाधा के कारण आने वाले दिनों में दाल व सरसों तेल की किल्लत हो सकती है।

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प्रारंभ के दिनों में बाजार में आलू, प्याज व आटा आदि की किल्लत थी, परंतु अभी पर्याप्त मात्रा में स्टाॅक है। राष्ट्रीय व मल्टीनेशनल कम्पनियों के बिहार स्थित डीपो में पर्याप्त मात्रा में माल नहीं रहने तथा थोक मंडी को सीमित समय तक खोले जाने के कारण थोड़ी परेशानी हो रही है। व्यापारियों ने आश्वस्त किया कि अगर लाॅक डाउन की अवधि बढ़ती भी है तो बिहार में खाद्यान्न व अन्य उपभोक्ता सामानों की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि खाद्यान्न व्यावसाय, वहां काम करने वाले कर्मचारियों व मालवाहक वाहनों को लाॅकडाउन से मुक्त रखा गया है। अगर उनकी आवाजाही में कोई दिक्कत होगी तो जिलाधिकारियों के माध्यम से कफ्र्यू पास निर्गत किया जायेगा। व्यापारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, गल्बस पहन कर सामानों की बिक्री करें व आने वाले ग्राहकों को सैनेटाइजर से हाथ साफ करायें।

घनी बस्ती व स्लम में कोरोना खतरा ज्यादा

सुशील मोदी ने कहा कि घनी बस्ती और स्लम इलाके में समूह में रहने की मजबूरी के कारण गरीब-मजदूर परिवारों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है और लाक डाउन में दैनिक मजदूरी बंद होने की सबसे ज्यादा मार भी इसी वर्ग को झेलनी पड़ी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ग की मदद को पहली प्राथमिकता दी। 1 लाख 70 हजार करोड़ का राहत पैकेज, 8 करोड़ गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलिंडर, जन-धन खाते में पांच-पांच सौ रुपये और तीन महीने का राशन देने जैसे कई उपाय किये गए।  इनका सबसे अधिक लाभ दलितों को मिला। इस बार बाबा साहब अम्बेडकर को यही सच्ची श्रद्धांजलि है।

उन्होंने कहा कि लाक डाउन को कारगर बनाने में लगे पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों के लिए जो लोग थाली-घंटी बजाने के लिए आगे नहीं आए, वे संक्रमण फैलाने की नीयत से डाक्टरों पर थूकने वाले जाहिलों का मजहब देखकर उन्हें पोलिटकल कवर देने के लिए खुल कर आ गए।

नेपाल पुलिस ने 24 जमातियों को छिपाने के आरोप में जिस आपराधिक चरित्र के व्यक्ति को गिरफ्तार किया, उससे भारतीय खुफिया तंत्र और एसएसबी की सूचना सही साबित हुई। राजद बताये कि वह जमातियों की साजिश पर कड़ा रुख अपनाने के बजाय प्रशासन को निशाना क्यों बना रहा था? अब वोट बैंक वाली सोच को क्वरंटाइन  करने की जरूरत है।

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