सुशील मोदी ने बताया- बिहार के 80.90 लाख किसानों को मदद

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कोविड संकट को ध्यान में रखते हुए निजी व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान अपने कर्मियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा का लाभ दिलाने की पहल करें।
कोविड संकट को ध्यान में रखते हुए निजी व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान अपने कर्मियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा का लाभ दिलाने की पहल करें।

पटना। सुशील मोदी ने बताया कि पीएम किसान निधि से बिहार के 80.90 लाख किसानों को 7,503 करोड़ की सहायता मिली है। बंगाल में ममता की जिद से किसान वंचित रह गये। पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत के दो वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि पीएम किसान निधि से बिहार के 80.90 लाख किसानों को अब तक 7,503 करोड़ 79 लाख रुपये की सहायता मिली है। आजादी के बाद पहली बार किसानों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत बिना किसी बिचैलिया व कमीशन के सीधे किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित की जाती है।

मोदी ने कहा कि अब तब देश के 10.75 करोड़ किसानों को 1.15 लाख करोड़ की सहायता मिल चुकी है, जबकि कांग्रेस की ऋण माफी के ऐलान से देश के किसानों को 50 हजार करोड़ का लाभ भी नहीं मिला। इस साल के बजट में 65 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। अगले 10 साल में किसानों को करीब 6.5 लाख करोड़ की सहायता मिलेगी।

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मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल देश का अकेला राज्य है, जहां के 68 लाख किसान सहायता पाने की पात्रता के बावजूद वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अड़ियल रवैये के कारण इस योजना के लाभ से वंचित हैं। जब वहां के 38 लाख किसानों ने सीधे पोर्टल के जरिए अपना निबंधन करा लिया तो प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को श्रेय न मिले, इसलिए पश्चिम बंगाल की सरकार ने उनकी सूची केंद्र सरकार को उपलब्ध नहीं कराई।

इधर अपने ट्वीट में मोदी ने कहा कि किसानों की हत्या करने वाले वाम दलों को सजायाफ्ता लालू प्रसाद नहीं दिख रहे। इलियास हुसैन के दाग भी वाम दलों को नहीं दिखाई पड़ रहे। मोदी ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार के मंत्रियों का इस्तीफा मांगने वाले वाम दल भूल गए कि वे उस राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा हैं, जिसके अध्यक्ष लालू प्रसाद केवल आरोपी या दागी नहीं, चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता भी हैं। उनके लिए लालू प्रसाद के दाग अच्छे क्यों हैं?

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार विभाजन के बाद वाम दल राजद की मेहरबानी से पहली बार दहाई अंकों में विधानसभा पहुंच गए, तो वे गरीबों-किसानों को भूल कर अपने प्रायोजक दल को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री से बेवजह इस्तीफा मांगने लगे। जिनकी विचारधारा गोली-बंदूक और हिंसा से निकलती है, वे लोकतंत्र का दुरुपयोग कर इसे ही नष्ट करना चाहते हैं। जिनके हाथ बिहार के किसानों के खून से रंगे हैं, वे दिल्ली में किसान आंदोलन के समर्थक दिखने का नाटक कर रहे हैं। मोदी ने पूछा है कि वामदल बतायें कि वे जिस लालू-राबडी सरकार के समर्थक रहे हैं, उसके कितने मंत्री बेदाग थे? अलकतरा घोटाला में दोषी पाए गए इलियास हुसेन किसकी सरकार में मंत्री थे? वाम दल अपने बौद्धिक पाखंड के कारण गरीब-मजदूर किसान से कट चुके हैं।

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