पटना। राज्य के मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ एवं संवेदनशील बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्देश सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक सहित सभी पुलिस अधीक्षकों के लिए जारी किया है।
इस संदर्भ में प्राप्त सूचनानुसार सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को त्वरित एवं प्रभावी ढंग से लागू करने, इनके सतत अनुश्रवण एवं राज्य में न्याय के साथ विकास एवं प्रशासन को और अधिक संवेदनशील बनाने के उदेश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। तदनुसार राज्य मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक सोमवार, मंगलवार एवं शुक्रवार को यथा संभव पदाधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित रह कर कार्य करेंगे, शुक्रवार को पदाधिकारियों के द्वारा आम लोगों से मिलने का समय रखा जाएगा, मुख्यालय स्तर पर बैठकों/वीडियोकांफ्रेंसिंग का समय यथा संभव उपर्युक्त तीन दिवसों में ही रखा जाएगा तथा सप्ताह के शेष दिनों में प्रधान सचिव/सचिव क्षेत्र भ्रमण पर रहते हुए विभागीय कार्यों का निरीक्षण एवं समीक्षा करेंगे|
जैसा कि पूर्व से ही राज्य में विभागीय प्रधान सचिवों/सचिवों को जिलों के प्रभारी प्रधान सचिव/सचिव को दायित्व सौपा हुआ है अतः पूर्व के निर्देशों के आलोक में उनके द्वारा अपने आवंटित जिलों का भ्रमण माह में कम से कम एक बार अवश्य किया जाना है| क्षेत्रीय प्रमंडल स्तर/जिला स्तर/अनुमंडल स्तर एवं प्रखंड/अंचल/थाना स्तर तक के सभी पदाधिकारी भी उपर्युक्त के तहत संगत प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगे|
ज्ञातव्य है कि उपर्युक्त के तहत कार्रवाई करने पर निम्न परिणामों की अपेक्षाएँ हैं:-
शुक्रवार को मुख्यालय से लेकर प्रखंड/अंचल/थाना स्तर तक के सभी पदाधिकारीगण आम लोगों से साक्षात्कार हेतु कार्यालय में उपस्थित रहेंगे|
सोमवार, मंगलवार एवं शुक्रवार को छोडकर सप्ताह के शेष दिन सभी पदाधिकारीगण यथा संभव क्षेत्र भ्रमण पर रहेंगे|
निदेशानुसार सभी नियंत्री पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अधीनस्थ पदाधिकारीगणउपर्युक्त निदेशों का अक्षरशः पालन कर रहे हैं| उपर्युक्त व्यवस्था को उच्चतर स्तर के निदेशों एवं विधि व्यवस्था की किन्ही प्रतिकूल स्थिति में यथावश्यक संशोधन किया जा सकेगा| दिए गये निदेश के अनुसार क्षेत्रीय प्रमंडल/जिला/अनुमंडल स्तर के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारीगण कार्यालय अवधि में अपने विहित कार्यालय प्रकोष्ठ में रहकर ही कार्य करेंगे| कार्य अवधि में आवासीय कार्यालय से कार्य निष्पादन वर्जित रहेगा|
आगे जिला पदाधिकारी/वरीय पुलिस अधीक्षक के स्तर पर विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ नियमित बैठकों का निदेश है| कुछ महत्वपूर्ण स्टेक होल्डर्स ये हो सकते हैं- उच्च विद्यालयों/महाविद्यालयों के प्राचार्य, छात्र/छात्राओं के प्रतिनिधि, खिलाड़ियों और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े हुए लोग, नगर वार्ड आयुक्त/पंचायती राज के प्रतिनिधि, विकास मित्र, चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारीगण, किसानों के समूह, चिकित्सकों के समूह आदि| आगे प्रधान सचिव/ सचिव/प्रमंडलीय आयुक्त/जिला पदाधिकारी/वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके क्षेत्र भ्रमण निश्चित रूप से करना निदेशित है, ताकि उनके मध्य विकास कार्यों का प्रभावी निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए|
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