कोलकाता। सीबीआई द्वारा नारदा ब्राइबरी स्टिंग मामले में अरेस्ट किये गये टीएमसी के सभी 4 नेताओं को हाईकोर्ट ने 2 लाख रुपये के बांड पर अंतरिम बेल दे दी है। हाईकोर्ट की 5 सदस्यों वाली हायर बेंच ने आज मामले की सुनवाई की और इन नेताओं को अंतरिम बेल देने का निर्णय हुआ।
हाईकोर्ट ने बेल के लिए 2 लाख रुपये के मुचलके की शर्त रखी है। साथ ही सीबीआई जब भी पूछताछ के लिए इन्हें बुलायेगी, इनको हाजिर होना पड़ेगा। मामले के बारे में इन नेताओं को अपना मुंह बंद रखना होगा। इन नेताओं को पहले भी बेल मिली थी, लेकिन इनको हाउस अरेस्ट रखा गया था। गिरफ्तार नेताओं में सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम ममता बनर्जी सरकार में मंत्री हैं, जबकि एक विधायक और एक टीएमसी के नेता शामिल हैं।
गिरफ्तार चारों नेताओं की ओर से अंतरिम बेल के लिए हाईकोर्ट में अपील की गयी थी, जबकि सीबीआई ने इनके बेल के विरोध में और इस मामले को बंगाल से बाहर सुनवाई के लिए अपील की थी। अदालत ने अंतरिम बेल पर सुनवाई की। सुनवाई कल भी हुई थी, लेकिन बेल के मामले पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। अलबत्ता सीबीआई दफ्तर में ममता बनर्जी और उनके कैबिनेट के कानून मंत्री मलय घटक द्वारा धरना दिये जाने के खिलाफ फैसला जरूर हुआ था कि उन्हें भी इस मामले में पार्टी बनाया जाये।
मालूम हो कि नारदा ब्राइबरी स्टिंग मामले में टीएमसी के 4 नेताओं, जिनमें ममता बनर्जी कैबिनेट के दो मंत्री भी शामिल हैं, को गिरफ्तार किया गया था। पहली रात इन नेताओं की प्रेसिडेंसी जेल में कटी। अगले दिन बीमारियों की वजह से इन्हें एसएसकेएम हास्पिटल में भर्ती किया गया। पहली सुनवाई में हाईकोर्ट ने इन्हें बेल तो दी थी, लेकिन हाउस अरेस्ट की शर्त रखी थी। घर से ही मंत्रियों को वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिये कामकाज की इजाजत थी। किसी से मिलने पर बंदिश थी।
4 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से सोची समझी रणनीति के तहत लोगों का ध्यान घूस कांड से हटाकर इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश शुरू कर दी गयी। यह कहा जाने लगा कि शुभेंदु अधिकारी भाजपा के नेता हैं, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। इस मुद्दे को लोगों के सामने रखकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राजनीतिक रोटी सेकने की कोशिश कर रही है। साथ ही सीबीआई पर दबाव बनाने की कोशिश भी उसका मकसद है।
तृणमूल कांग्रेस को यह भी पता है कि अगर सीबीआई शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार करेगी तो सौगत राय समेत उसके कई कद्दावर नेता भी अंदर जाएंगे। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के लिए आगे चलकर पार्टी को एकजुट रखना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि सीबीआईल की ओर से लोकसभा के स्पीकर को इस मामले में अरेस्ट करने की जिनके बारे में इजाजत मांगी गयी है, उनमें टीएमसी के ही सांसदों के नाम हैं। शुभेंदु और मुकुल राय के बारे में बताया जाता है कि शुभेंदु अब विधानसभा में नेता प्केरतिपक्ष हैं तो मुकुल राय पर सीधे घूस लेने का आरोप नहीं है।
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