बिहार के 5 दिव्यांगों ने मिल कर बना डाला दवाई बैंक!

0
560

पटना। कुछ अलग करने की चाह ने बनवा डाला दवाई बैंक। बिहार की राजधानी पटना के 5 दिव्यांग जनों ने एक दवाई बैंक खोला है। दवाई बैंक के मुख्य संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता भरत कौशिक, राकेश कुमार पटेल, ऋतु चौबे हैं। वहीं सहयोग करने वालों के रूप में दिव्यांग छात्र गुड्डू कुमार तथा मनोज कुमार भी शामिल हैं। बताते चलें कि दवाई बैंक झुग्गी झोपड़ी, दिव्यांग एवं असहाय, गरीब, कमजोर तबके के लिए बनाया गया है।

दवाई बैंक के निर्माणकर्ता  ने बताया कि जब ये लोग गरीबों के बीच शहर के स्लम में रहने वाले लोगों के बीच जाते थे तो उन्हें दवाई के बिना तड़पते एवं मरते देख कर इन सभी की आंखों में आंसू भर जाते थे। इन सभी का मन रोता रहता था। यह हमेशा सोचते रहते थे कुछ ऐसा काम करना है, जिससे गरीबों की मृत्यु न हो और कोई दिव्यांग भी न हो। इसलिए इनके मन में कुछ अलग करने की सोच हमेशा रहती थी।

- Advertisement -

इन्हें ऐसा महसूस होता था कि दवाई यदि इन गरीबों को मिले तो वे भी अपने स्वास्थ्य को, अपने जीवन को ऊंची उड़ान पर ले जा सकते हैं। दिव्यांग जनों ने सोचा कि हम दिव्यांग हैं, लेकिन किसी भी गरीब की मृत्यु होने नहीं देंगे। इसलिए उन लोगों ने ठान लिया कि मेडिसिन बैंक बनाकर हॉस्पिटलों और घरों में गरीब, असहाय, दिव्यांग एवं कमजोर लोगों के बीच डॉक्टर से दिखाकर शुरुआती दौर की कुछ दवाई दी जाये। आज इन दिव्यांगों के हौसले को लोग सलाम कर रहे हैं।

इन्हें दवाई देने के लिए कई लोग आ रहे हैं। कई कंपनियां भी दवाई पहुंचा रही हैं। इनका काम सोशल साइट Facebook पर WhatsApp पर चल रहा है। WhatsApp से और FACEBOOK से जुड़े हुए लोग सोशल साइट से जुड़कर इन्हें दवाई लेने के लिए बुलाते हैं और यह सभी ट्राई साइकिल से दवाई लाकर मरीजों के बीच जाकर पहुंचाते हैं। किसी भी तरह सही दवाई गरीबों मरीजों के बीच पहुंचाने में इन दिव्यांगों की टोली की अहम भूमिका रहती है। रात हो या दिन, कभी भी इनके पास कॉल जाता है तो ये दवाई लेने में और मरीजों के बीच दवाई पहुंचाने में  देरी नहीं करते हैं। यही कारण है कि इन सभी के प्रयास से कई की जान बच रही है।

यह भी पढ़ेंः और अब प्रभात खबर का पटना संस्करण बना अगला पड़ाव

इन सभी का मानना है कि दवाई बैंक शहर से शुरू हुआ है और इसे गांव तक पहुंचाना है। अगर ऐसा कर पाये तो बिहार में दवाई के बिना कोई मरने को मजबूर नहीं होगा। आने वाले समय में बिहार के विकास में, बिहार के निर्माण में ये दिव्यांग भी अपनी भूमिका निभाने में पीछे नहीं रहना चाहते। इसलिए उन्होंने अपना इरादा बुलंद रखा है। दवाई बैंक के माध्यम से दवा पहुंचा कर एक स्वस्थ बिहार, स्वस्थ समाज का निर्माण करने का इनके प्रयासों की सर्वत्र सराहना हो रही है। इनसे संपर्क कर सकते हैं- 9661430692 (कौशिक), 8873010000 (ऋतु चौबे)

- Advertisement -