समस्तीपुर (प्रमोद प्रभाकर)। मंगलगढ़ पंचायत अंतर्गत सहरचिया गांव में कर्ज के तले दबी एक गरीब मजबूर मां को अपनी ही 6 माह की मासूम बच्ची को बेचने की नौबत आ गई। मानव मन को झकझोर देने वाला यह वाक्या सामने आया है।
गांव में चर्चा है कि यहां के एक महिला ने कर्ज व आर्थिक तंगी के चलते अपनी सातवीं संतान 6 माह की दुधमुंही बेटी को महज ढाई लाख रुपये में किसी दूसरे के हाथों बेच दिया है। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब कुछ दिनों से गायब चल रही की सातवीं संतान छ माह की बच्ची की खोजबीन हुई। टोले-बिरादरी के लोगों द्वारा पूछने पर बच्ची के ननिहाल में रहने की बात बतायी गई। जब उसके ननिहाल बेगूसराय जिले के छौड़ाही थानांतर्गत गांव में इस बात का पता किया गया तो बच्ची को किसी के हाथों ढाई लाख रूपये में बेच दिए जाने का खुलासा हुआ।
अगर कोई गरीबी से गुजर रहा है और उसे मालूम है कि मुझे कमाना है और खाना है तो वह परिवार सात-आठ बच्चे पैदा करता ही क्यों है। इससे साफ जाहिर होता है कि शिक्षा का अभाव और ज्ञान की कमी की वजह हो रहा है। दो वक्त की रोटी के लिए इंसान को खून-पसीना बहाना परता है और ये परिवार एक तरफ गरीबी और भुखमरी से गुजर करते हुए बच्चा पैदा करने पर लगा हुआ है।
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बात जो भी हो, मामला काफी दिल को दुख पहुंचाने वाला है। गांव वालों के दवाब पर मजबूर मां बच्ची को फिर से वापस लाने के बहाने गांव से मायके चली गई है। वह सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा किसी तरह करती थी। उसको 3 पुत्र और 4 पुत्रियां हैं। सबसे छोटी छाह माह की पुत्री को ननिहाल ले जाकर बेच देने की बात का पता चला है। स्थानीय ग्रामीण बच्ची को वापस लाने के लिए उसके परिजन पर दबाव बना रहे हैं। इस बात की खबर लोकल पुलिस तक नहीं पहुंची है। वहीं ग्रामीणों के दबाव पर नीलम देवी बच्ची को लाने की बात कह कर कल से ही घर से गायब है।