नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) ने भाजपा की एक बार और किरकिरी करा दी। पहले सीटों पर अपनी बातें भाजपा से मनवाईं। फिर राम मंदिर पर अध्यादेश लाने की भाजपा की तैयारियों पर पानी फेर दिया और अब तीन तलाक बिल पर जदयू ने पल्ला झाड़ लिया है। जदयू के राज्य सभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह ने कह दिया है कि राज्यसभा में उनकी पार्टी भाजपा का समर्थन नहीं करेगी।
भाजपा की हालत सांप-छछुंदर की हो गयी है। उसे जदयू को न निगलते बन रहा है और छोड़ते। पहले भाजपा बिहार में लोकसभा की सीटों पर जदयू के दबाव में बराबर की हिस्सेदारी पर तैयार हुई। फिर जब राम मंदिर पर भाजपा में अध्यादेश लाने की मांग जोर पकड़ने लगी तो जदयू के दबाव पर ही प्रधानमंत्री को यह घोषणा करनी पड़ी कि राम मंदिर कानून के दायरे में ही बनेगा। इसके लिए कोई अध्यादेश लाने की सरकार पहल नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री की इस घोषणा को जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दबाव के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद भी भाजपा और इससे हमदर्दी रखने वाले विहिप जैसे संगठन मानने को तैयार नहीं है। संत समाज भी खफा है। देश का बड़ा हिन्दू वर्ग भी अध्यादेश की उम्मीद लगाये बैठा था। उसकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है।
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तीन तलाक का बिल भाजपा ने पेश किया। इस पर लंबे समय से भाजपा चर्चा कर रही थी। संसद के शीतकालीन सत्र में भाजपा ने बिल लोकसभा में पेश किया और बहुमत होने के कारण पास भी करा लिया। राज्यसभा में एनडीए बहुमत में नहीं है। इसलिए पहले से ही यह तय माना जा रहा है कि राज्यसभा में यह पास नहीं हो सकेगा। इसी बीच वशिष्ठ नारायण सिंह ने साफ कह दिया कि एनडीए का घटक होने के बावजूद जदयू से भाजपा को समर्थन की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
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